कमिश्नर का खोया कुत्ता 24 घंटे के अंदर ढूढ़ निकाला पुलिस ने, 24 घंटे में 500 घरों को छान मारा

पुलिस भागे भागे फिर रही थी। करीब 24 घंटे तक पुलिस खाक छानती रही। घर-घर जाकर लोगों को एक तस्वीर दिखाती थी और पूछती रही कि क्या आपने इसे देखा है। बड़ी हैरानी की बात ये है कि पुलिस ये सब कुछ किसी अपराधी को पकड़ने या किसी लापता इंसान की तलाश में नहीं, बल्कि एक कुत्ते को ढूंढने के लिए कर रही थी। ऐसा इसलिए कि ये कुत्ता कमिश्नर मेडम का था।

बताया जाता है कि मेरठ की कमिश्नर सेल्वा कुमारी के पास साइबेरियन हस्की ब्रीड नस्ल का पालतू कुत्ता था, जो रविवार की शाम अचानक उनके आवास से गायब हो गया। घर के आसपास कुत्ते को तलाश किया गया, लेकिन वो नहीं मिला। बात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के कानों में पड़ी कि कमिश्नर मैडम का कुत्ता नहीं मिल रहा है तो सारे के सारे अधिकारी भाग दौड़ में लग गए। कुत्ता गायब होने के बाद से कर्मचारी घबराए हुए थे और फिर पुलिस के साथ मिलकर तलाश शुरू की।

तलाश में पुलिस की 8 टीमें लगाईं।

कुत्ते की तलाश में पुलिस की 8 टीमें लगा दी गईं। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी खंगाल डाले। सिविल लाइन, मवाना रोड, साकेत-जेलचुंगी रोड, जहां भी कैमरा दिखा, पुलिस ने फुटेज देख डाली, लेकिन कुत्ते के बारे में कोई पुख्ता जानकारी हाथ ना लग सकी। कर्मियों और पुलिस के हाथ पैसे फूल लगने थे, क्योंकि कुत्ते को हर हाल में ढूंढना ही होगा, क्योंकि वो कुत्ता कमिश्नर मैडम का है।

कुत्ते का फोटो लेकर ढूंढने लगी पुलिस

फिर सवाल ये था कि कुत्ते को ढूंढे तो ढूंढे कहां,तो पुलिस ने गजब का आइडिया निकाल लिया। हाल तो देखिए कि पुलिस वाले कुत्ते का फोटो ले आए और फिर गली-गली,घर-घर जाकर,तस्वीर दिखाकर लोगों से कुत्ते के बारे में पूछते रहे। बताया जाता है कि कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को फोटो दिखाने पर कुत्ता नहीं मिला तो उन्होंने आसपास के करीब 500 से अधिक घरों को छान मारा। घरों में तलाशी ली गई और सैकड़ों लोगों से जानकारी मांगी गई।

करीब 24 घंटे बाद मिला कुत्ता

बताया जा रहा है कि पुलिस की 8 टीमें बिना सोए बैठे कुत्ते को करीब 24 घंटे तक ढूंढती रहीं, तब जाकर कहीं वो कमिश्नर मैडम के कुत्ते को बरामद कर पाईं। रविवार की शाम को खोया कुत्ता सोमवार को देर शाम तक मिल गया था। मतलब ये कि पुलिस की 24 घंटे की मेहनत सफल हो गई।

Himfla
Ad

Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.