उम्मीद पर दुनिया कायम है ये सुनने में मात्र एक मुहावरा लगता है मगर इज़की एहमियत आप पूछो उन दो परिवारों से जो पिछले 38 सालों से अपने प्रियजन की राह देख रहे अब शहीद चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर मिलने के बाद इन दोनों परिवार की आस पुनः जग गयी है।
सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान बर्फीले तूफान में लापता शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद मिला। जिसके बाद ऑपरेशन मेघदूत में लापता हुए लांस नायक दया किशन जोशी और सिपाही हयात सिंह के परिजनों को भी उम्मीद जगी है। उन्होंने सरकार और शहीदों के पार्थिव शरीर तलाश कर परिवार को सौंपने की गुहार लगाई है।
ऑपरेशन मेघदूत में चंद्रशेखर के साथ लापता हुए हल्द्वानी निवासी लांस नायक दया किशन जोशी और सिपाही हयात सिंह के परिजनों को भी उम्मीद जगी है। उन्होंने सरकार और शहीदों के पार्थिव शरीर तलाश कर परिवार को सौंपने की गुहार लगाई है।
सन 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लापता हुए शहीद लांसनायक दया किशन जोशी और सिपाही हयात सिंह के परिजनों ने सरकार और सेना से गुहार लगाई है कि जिस तरह से लापता चंद्रशेखर के पार्थिव शरीर को 38 साल बाद सरकार ने ढूंढ निकाला है। उसी तरह से उनके भी शहीद पति के पार्थिव शरीर की खोज की जाए… दोनों लापता जवान के परिवार वालों का कहना है कि लांसनायक दया किशन जोशी और सिपाही हयात सिंह ऑपरेशन मेघदूत के समय चंद्रशेखर हर्बोला के साथ थे।
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