रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी| ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग अब नहीं होगी। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की थी जिसे जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस पर जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज हो गई है।
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की थी जिसे जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने खारिज कर दिया है। कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण के मामले में बहस पूरी होने के बाद ये फैसला सुनाया गया। इस मामले में अंजुमन की तरफ से विरोध करते हुए दलील में अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा कि 16 मई को सर्वे के दौरान मिली आकृति के बाबत दी गई आपत्ति का निस्तारण नहीं किया गया और मुकदमा सिर्फ शृंगार गौरी के पूजा और दर्शन के लिए दाखिल किया गया है।
17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मिली आकृति को सुरक्षित व संरक्षित करने का आदेश दिया है। वैज्ञानिक जांच में केमिकल के प्रयोग से आकृति का क्षरण सम्भव है कार्बन डेटिंग जीव व जन्तु की होती है पत्थर की नहीं हो सकती। क्योंकि पत्थर कार्बन को एडाप्ट नहीं कर सकता। कहा कि कार्बन डेटिंग वाद की मजबूती व साक्ष्य संकलित करने के लिए कराई जा रही है ऐसे में कार्बन डेटिंग का आवेदन खारिज होने योग्य है।