भर्ती घोटाला: तो क्या इतने फर्जी दरोगाओं पर होगा मुकदमा दर्ज? 2015 पुलिस भर्ती की जांच शुरू

भले ही प्रदेश मे भादो के महीने में जमकर पानी बरस रहा हो लेकिन पेपर लीक की आग बुझने का नाम नही ले रही है। इसमें अब पुलिस दरोगा भर्ती भी इस आग के लपेटे मे आ गयी है।
सूत्रों की अगर माने तो कुल 339 अभ्यर्थियों मे से 10% यानी 35-40 अभ्यर्थियों को नकल कराने में हाकम सिंह, केन्द्रपाल, शशिकांत, राजेश चौहन और चंदन मनराल की अहम भूमिका रही। राजेश चौहन जो प्रिंटिंग प्रेस मालिक है उसके द्वारा हाकम, केन्द्रपाल, चंदन, और शशिकांत को मोटी रकम लेकर पेपर मुहैया करवाये थे जिसके बाद इन चारों द्वारा 15 से 20 लाख मे इन पेपर को अभ्यर्थियों को बेचा था।

इन सभी दरोगाओं के ऊपर मुकदमा दर्ज होने के साथ साथ सभी को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा, यहाँ बताते चले कि विधानसभा सचिवालय मे हुई फर्जी भर्ती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा अध्यक्ष को कल ही पत्र लिख अपना रुख साफ कर चुके है कि भ्रष्टाचार बरदाश्त नही किया जाएगा जिसके बाद 70 से ज़्यादा नियुक्तियों पर बर्खास्त होने की तलवार लटक रही है। विजिलेंस जाँच जैसे जैसे आगे बढ़ेगी नकलची अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी हुई तय है, भले ही यह नाम अभी सामने ना आये हो मगर उन सभी अभ्यर्थियों की नींद और चैन उड़ चुका है जो इस फर्जीवाड़े मे शामिल थे।

वैसे भी अगर सोचा जाए तो क्या एक पुलिसवाला जो पैसे देकर नौकरी पर लगा हो वो अपने पैसों को वसूल करने के लिये क्या अवैध कार्यो को बढ़ावा नही देगा? क्या समाज को ऐसे पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है?

Himfla
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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.