प्रेरणा: 43 साल के कृष्ण ने किया कमाल, उत्तराखंड का नाम हुआ रोशन

भीमताल का युवा बना प्रेरणास्रोत, मालदीव मे लाया पदक

11 अक्टूबर 1979 को जन्मे कृष्ण ने शायद कभी सोचा भी नही होगा कि उम्र के 43वे साल में विदेसी धरती में mr एशिया जैसे खिताब के लिये प्रतिभाग करेंगे मगर कहते है ना जुनून और जज़्बात नियत बदल देते है, आज कृष्ण चंद जोशी उन लोगो मे शुमार हो चुके है जिनको उत्तराखंड में सबसे पहले होंने का नाम मिलता है, कृष्ण उत्तराखंड के ऐसे पहले खिलाड़ी है जिन्होंने मास्टर्स प्रतिस्पर्धा में भारत के लिये प्रतिभाग कर स्थान बनाया।

भारतीय झंडे के साथ बाए से पहले स्थान पर कृष्ण


इसी माह 14 से 21 जुलाई तक मालदीव मे आयोजित एशियाई बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप (WBBF) मे कृष्ण द्वारा पांचवा स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन कर दिया।

बेहद संघर्षों भरा रहा सफर
शारीरिक रूप से अनफिट होने और अधिक वजन होने के बाद कृष्ण अपने मित्रों, परिवारजनों और सेज संबंधियों के बीच अट्टहास का एक कारण बन गए थे, हर कोई उनके अनफिट होने की बात जरूर करता और इसी दौरान कृष्ण द्वारा जिम जाना शुरू कर दिया, साल 2016 से जिम जाने की जो शुरुवात हुई वो अब पुरुस्कारों तक पहुच गयी है।
UKSangam से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि जब आपको एक अच्छा कोच मिलता है तो आपकी प्रतिभा निखरने लगती है। साल भर की मेहनत के बाद खुद को भी अच्छा महसूस होने लगा और दोस्तो, रिश्तेदारों और शुभचिंतक के बदले रवैये ने जैसे कृष्ण को एक नई ऊर्जा दे दी जिसे देख उनके कोच इतने प्रभावित हुए की उनके कोच ने उनको बताया कि लगता है ये खेल तुम्हारे लिये ही बना है।
कृष्ण चंद जोशी इसी साल मई में देहरादून में हुई MR उत्तराखंड प्रतियोगिता के रनर अप और मई में हल्द्वानी मे हुई प्रतियोगिता में mr उत्तराखंड रह चुके है।
कृष्ण की कहानी उन लाखों करोड़ों युवाओ के लिए एक प्रेरणा है जिनको सपने सच करने मे उम्र बाधा लगती है।

उनकी इस उपलब्धि पर कोच गौरव पांडे, दीवान खोलिया परिजनों सहित सभी क्षेत्रवासियों ने उनको बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
बता दे कि कृष्ण भीमताल में स्पार्क जिम का संचालन करते है और क्षेत्र के युवाओं को हमेशा शारीरिक खेलो के प्रति उत्साहित और उनकी मदद भी करते है।

Himfla
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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.