बागेश्वर उपचुनाव: साइलेंट किलर साबित हो सकती है बागेश्वर की जनता, चुनाव प्रचार जोरों पर

बागेश्वर। विधानसभा में उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही राजनीतिक दलों और प्रशासन ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है लेकिन इस बार जनता उपचुनाव में साइलेंट किलर की भूमिका निभा सकती है। बागेश्वर विधानसभा से विधायक स्व चंदन राम दास के निधन के बाद रिक्त चल रही सीट पर उपचुनाव की तिथि घोषित होते ही राजनीतिक दल और प्रशासन एक्शन मोड में हैं। जहां एक ओर प्रशासन पार्दशिता पूर्वक चुनाव कराने की पूरी तैयारी में जुटा है, वहीं राजनीतिक दलों ने भी राजनीति का अखाड़ा बागेश्वर विधानसभा में जमा दिया है। विधानसभा उपचुनाव में 5 प्रत्याशी मैदान में हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी बनाया है कांग्रेस ने पूर्व में बसपा और आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ चुके बसंत कुमार को मैदान में उतारा है। उत्तराखंड क्रांति दल ने अर्जुन देव सपा ने भगवती प्रसाद त्रिकोटी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भगवत प्रसाद को उपचुनाव के मैदान में उतारा है। निर्दलीय से नामांकन पत्र भरने वाले जगदीश चंद्र ने अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा को समर्थन दिया है।


वही उपचुनाव के इस महासंग्राम में कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने दल भी बदले हैं। लेकिन मतदाताओं में एक चुप्पी और सन्नाटे का माहौल है। राजनीतिक दलों का प्रचार प्रसार जोरों पर है राज्य के और केंद्र के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों ने विधानसभा में डेरा जमाया हुआ है प्रत्याशी घर-घर जाकर अपने अपने पक्ष में वोट मांग रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि बागेश्वर का मतदाता किस पार्टी के पक्ष में मतदान करता है और बागेश्वर विधानसभा से उत्तराखंड संसद में भेजता है। यह सवाल बागेश्वर की जनता के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है। जहां राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के लिए घर-घर जा रहे हैं वहीं मतदाताओं में एक चुप्पी और सन्नाटे का माहौल विधानसभा उपचुनाव को दिलचस्प बना रहा है। विधानसभा उपचुनाव में बागेश्वर विधानसभा के मुद्दे कहीं गायब से हैं। माना जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है।लेकिन दोनों ही दलों ने अभी तक अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं किए हैं। प्रशासन ने मतदान से लेकर मतगणना तक की तैयारी कर दी है मतगणना कर्मियों का प्रथम रेंडमाइजेशन शनिवार को लिक कक्षा में हो चुका है। और मतदान कर्मियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। ऐसे में अब बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता किसके पक्ष में मतदान करते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

Himfla
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