रुपया कमजोर नहीं हो रहा, इसे ऐसे देखा जाना चाहिए कि डॉलर मज़बूत हो रहा है। “डॉलर स्ट्रेंथनिंग”: वित्तमंत्री

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान सामने आया है। वित्त मंत्री ने बताया है कि भारतीय रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है। बाकी देशों की करेंसी के मुकाबले भारत रुपया बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इससे निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
अमेरिका दौरे पर पहुंचीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पहले तो मैं ये कहना चाहूंगी कि रुपया नहीं गिर रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है। भारतीय रुपये का प्रदर्शन अच्छा है। भारतीय रुपये में ज्यादा अस्थिरता देखने को नहीं मिली है।

हालांकि वर्तमान मे 1 डॉलर 82.42 भारतीय रुपये के बराबर हो चुका है जो आज तक का रिकॉर्ड रहा है। वित्तमंत्री के इस बयान के बाद हरतरफ उनकी निंदा की जा रही है, 2014 से पहले उनके वो बयान भी अब सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे है जिसमे वो कांग्रेस काल के दौरान गिरते रुपये के बारे मे अपना बयान दे रही है। भारत मे मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच मे छोड़ देना, किसी भी पत्रकार को उसकी पत्रकारिता को संदेह की नज़र से देखने के रूप मे जिस प्रकार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का व्यवहार भारतीय मीडिया से रहा है वो किसी से छुपा नही है मगर अब अमेरिकी मीडिया द्वारा सवालों के चक्रव्यूह में वित्तमंत्री फस गयी।

सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है।”
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.6 अरब डॉलर का भुगतान संतुलन (बीओपी) आधार पर संचयन हुआ है। अन्य बाहरी संकेतकों में शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति और लघु अवधि का कर्ज भी कम संवेदनशीलता के सूचक हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद भारत का बाहरी कर्ज और जीडीपी का अनुपात प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है।

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Pahadi Bhula

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