पहाड़ जाने वाले यात्रियों के लिये खुशखबरी है, अब जल्द ही आपको रानीबाग पुल पर लगने वाले जाम से निजात मिलने वाली है, यूके संगम से बातचीत में एक्शन एम एम पुंडीर ने बताया कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में पुल पर आवागमन शुरू होने की उम्मीद है।
पिछले 2 वर्षों से अधिक समय से हल्द्वानी से पहाड़ जाने वाले यात्री इस पुल के निर्माण की बाट जो रहे है जो अब पूरा होता दिख रहा है।
पुल पर आरसीसी बिछाने के कार्य को लगभग पूरा कर लिया गया है और मजदूर दिन रात इस निर्माण कार्य को पूरा करने मे लगे है।
पुल को पूरा करने मे भले ही इतना लंबा समय लग गया हो मगर यह पहाड़ की विषम परिस्थितियों पर एक इंजिनीरिंग का एक अदभुत नमूना है जो जल्द ही पूरा हो प्रदेश को समर्पित होगा।
इस पुल को वैसे तो 6 महीने पहले ही तैयार हो जाना चाहिये था मगर कभी आपदा, कभी आवाजाही और अन्य तकनीकी कारणों से यह पल समय से देरी से तैयार हो रहा है।
ये थे पुल निर्माण में देरी के कारण और इसलिए ये बनता है इंजिनीरिंग का कमाल।
- जुलाई 2021 में भारी वर्षा से पुराने पुल की पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त हो गई जिसका सारा मलवा नए पुल के निर्माणाधीन साइट पर आ गया जिसे हटाने में 1 माह का समय लगा। मलवा भारी मात्रा में आने के कारण नए पुल की की सरिया इत्यादि को बचाने के लिए मलवा हटाने का पूरा काम मजदूरों से किया गया क्योंकि मशीन से करने से नए पुल की सरिया वह स्ट्रक्चर को नुकसान हो सकता था।
- अक्टूबर मे आई भारी आपदा दिनांक 17 से 20 तब कुमाऊं के समस्त मार्ग आपदा के कारण बंद हो गए थे एकमात्र रानी बाग से भीमताल मार्ग ही खुला था जिस हेतु संपूर्ण कुमाऊं में यातायात के आवागमन खुला रखा गया जिस दौरान कार्यस्थल पर कार्य बंद रहा।
3 पहाड़ कटान हेतु मार्ग बंद रखने की अनुमति तीन महीने देरी से मिलने के कारण पहाड़ कटान का कार्य 3 महीने की देरी से प्रारंभ हुआ। क्षेत्रीय निवासी भीमताल कारोबारियों ने पर्यटन और शादी की सीजन को देखते हैं मार्ग बंद नहीं करने हेतु जिलाधिकारी से अनुरोध किया इस कारण पहाड़ा कटान की अनुमति देरी से मिली।
- सबसे बड़ा मुख्य कारण कार्यस्थल आज संकरा होना और मार्ग पर लगातार भारी यातायात का होना है। कार्यस्थल पर सेतु के इरेक्शन हेतु प्रयास से स्थान उपलब्ध नहीं था जिसके एंकर टावर लगाने के लिए उसके पीछे की रस्सी मार्ग के दूसरी ओर मकानों के पास लगाने की थी। जिसके लगाने से संपूर्ण यातायात बंद हो सकता था मार्ग पर यातायात सुचारू करने के लिए इरेक्शन स्कीम में बदलाव किया गया वह सेतु के नीचे लॉन्चिंग प्लेटफार्म अर्थात डमी सेतु का निर्माण किया गया एक ही स्थान पर दो सेतु का निर्माण अर्थात डमी सेतु वह मूल सेतु के निर्माण में दुगना समय लगने के कारण कार्य मैं विलंब हुआ अन्यथा कार्य अपने नियत समय से 1 माह पूर्व मार्च में ही समाप्त हो जाता।
बरहाल जो भी तकनीकी कारण रहे हो मगर पुल के खुलने से ना केवल पहाड़ के यात्रियों को आराम मिलेगा वही वाणिज्य रूप से भी व्यापारी वर्ग को फायदा होगा।