29 आर्मी डॉग यूनिट ने जम्मू में भारतीय सेना के डॉग ‘ज़ूम’ को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका कल श्रीनगर के 54 AFVH (एडवांस फील्ड वेटरनरी हॉस्पिटल) में निधन हो गया,
जहां 9 अक्टूबर को ऑप तांगपावा, अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर में दो गोलियों से घायल होने के बाद उनका इलाज चल रहा था।
जूम’ को बचाने को कोई भी दुआ काम नहीं आई है। दुश्मन की गोलियों से मिले जख्मों की ताव को वह सहन नहीं कर पाया और वह शहादत को पा गया। सेना के डॉक्टरों ने खोजी श्वान जूम को बचाने की बहुतेरी कोशिश की थी, पर वे नाकाम ही रहे। गंभीर रूप से घायल हुए जूम की 72 घंटे के इलाज के बाद गुरुवार को श्रीनगर के 54 एडवांस फील्ड वेटरनरी अस्पताल (एएफवीएच) में मौत हो गई।
श्रीनगर स्थित चिनार कोर मुख्यालय में शहीद हुए खोजी श्वान जूम को सैन्य अधिकारियों ने आज शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार सुबह हुए आयोजन में लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए जूम की 72 घंटे के इलाज के बाद गुरुवार को श्रीनगर के 54 एडवांस फील्ड वेटरनरी अस्पताल (एएफवीएच) में मौत हो गई।
वह 10 अक्टूबर को अनंतनाग के टंगपावा इलाके में आतंकियों की गोली का शिकार हुआ था। इससे पहले 30 जुलाई को उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला जिले में आतंक विरोधी ऑपरेशन में असॉल्ट डॉग एक्सेल गंभीर रूप से घायल होने के बाद शहीद हो गया था। सेना ने करीब ढाई माह में अपने दो बहादुर श्वान खो दिए हैं।
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि जूम की आयु 2 साल और 1 माह थी। वह बेल्जियम की चरवाहा नस्ल का था और पिछले 8 महीनों से सेवा में सक्रिय था। उसे आतंकियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। इससे पहले सेना ने उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला जिले के वानीगाम में 30 जुलाई को एक ऑपरेशन के दौरान 2 साल के असॉल्ट श्वान एक्सेल को खो दिया था। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 15 अगस्त को एक्सेल को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उत्तरी कमान के एक उच्च सैन्य अधिकारी ने बताया कि आर्मी असॉल्ट डॉग जूम ने 72 घंटे तक बहादुरी से जूझते ‘इन द लाइन आफ ड्यूटी’ पर अपनी जान की कुर्बानी दे दी। जूम को दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान उस स्थान पर भेजा गया, जहां आतंकी छिपे हुए थे।