उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र मे 4 अक्टूबर को आये हिमस्खलन मे निम का एक परीक्षार्थी दल प्रभावित हो गया था जिसके बाद से ही उस क्षेत्र मे बचावदल द्वारा खोज का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान आज बचावदल द्वारा 9 शव बरामद करे जिसके बाद हताहतों की संख्या 16 हो गयी है और अभी भी 15 लोग लापता है। अभी तक मात्र दो शवो की पहचान हुई है इसमें एक एवेरेस्टर सविता कंसवाल का शव है तो दूसरा शव भी उत्तरकाशी की नौमी रावत का है। अभी अन्य 14 लोगो की पहचान नही हो पाई है।
क्यों नही हो पाई शवो की पहचान?
पर्वतारोहण क्षेत्र मे कार्य करने वाले जानकारों ने बताया कि ऐसे प्रशिक्षणों के दौरान किसी भी कोई भी अपने साथ किसी भी प्रकार का पहचानपत्र जेब मे नही रखता, ना ही बटुआ रखता है क्योंकि ऐसी जगहों में इन चीजों की कोई आवश्यकता नही होती और अमूमन इस तरह की चीजें ट्रेकर अपने बैग में रखता है। हादसों के दौरान बचाव दल का पहला टारगेट बॉडी( जीवित या मृत) को निकालना होता है ना कि उसके सामान को, सामान का रेस्क्यू आखरी मे होगा और तभी होगा जब इसका बहुत लौ रिस्क होगा। यही परेशानी इस आपदा में भी हुई, किसी के भी पास जेब मे परिचय पत्र होना मुश्किल होगा और सामान का पता लगाना अभी प्राथमिकता में नही आता।
शव की शिनाख्त करने वाले इस दल में मात्र उनके इंस्ट्रक्टर या कोई मेंबर होगा क्योंकि वो ही अपने दल के सभी को नाम से जानते होंगे और इस दल के इंस्ट्रक्टर या तो मृत हो चुके है या घायल है और वापस निम आ चुके है।
अल्मोड़ा जिले के पर्वतारोही देवेंद्र रावत ( डी के) द्वारा यह भी बताया की स्तिथ बहुत खराब तब हो जाती है जब किसी शव को वापस बेस कैम्प पर लाना होता है और आपको लोगो को खोजना भी हो, ऐसी उचाईयों पर HAS हाई एल्टीट्यूड सिकनेस भी होने की बहुत ज़्यादा संभावना रहती है।
आपके पास सीमित मात्रा मे कार्य करने वाले होते है और तब आपको मात्र लोगो को ढूढना होता है और आप उम्मीद करते है कि जो नही मिले है वो ज़िंदा हो सकते है।
ये अभियान बारिश, बर्फबारी, तेज़ हवाओँ, कम ऑक्सीजन और अत्यंत कम तापमान में चल रहा है जो इसको पूरी दुनिया मे सबसे कठिन अभियानों में से एक बनाता है।
किसने क्या कहा।
बचाव और राहत दल लगातार काम कर रहे हैं। NDRF, SDRF और ज़िला प्रशासन की टीम लगातार काम कर रही है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक 16 शवों को रिकवर किया जा चुका है। रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी है: उत्तरकाशी आपदा पर उत्तराखंड के मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी, देहरादून
कुछ शव वहां पर हैं हम आज उम्मीद कर रहे हैं कि शव को हेलीकॉप्टर द्वारा उत्तरकाशी में हमारे हेलीपैड पर लाया जाएगा।हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) की एक टीम हमारे साथ बचाव अभियान में सहयोग दे रही है: विवेक पांडे, PRO ITBP, दिल्ली
अब तक बरामद कुल 9 शवों में से केवल 2 शवों की ही पहचान हो पाई है। पहचाने गए दोनों शव नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) की महिला प्रशिक्षक हैं: हिमस्खलन आपदा पर उत्तरकाशी आपातकालीन संचालन केंद्र, उत्तराखंड
जीवित बचे लोगों को तत्काल ही इलाज के लिए भेज दिया गया था। अभी तक कुल 16 शव बरामद हुए हैं। इनमें दो प्रशिक्षक और 14 प्रशिक्षु हैं। उनके शव अभी ऊपर ही हैं जल्द से जल्द उन्हें नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है: द्रौपदी के डांडा-2 में हिमस्खलन की घटना पर अभिषेक रुहेला, DM, उत्तरकाशी