कोविड महामारी के दौरान राज्य की शिक्षा व्यवस्था अपने स्वरूप में सुचारू नहीं हो पा रही थी जिसे देखते हुए सरकार एवं अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को मोबाइल फोन या टैबलेट उपलब्ध करवाये ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके वहीं कुछ होनहार छात्र छात्राओं ने इस अवसर का लाभ लेकर जहां मोबाइल एवं टैबलेट से नई नई जानकारियां हासिल की एवं तकनीकी के क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाने का प्रयास किया वहीं दूसरी ओर इस व्यवस्था के बाद कुछ छात्र छात्राओं ने इस व्यवस्था का उपयोग इंस्टाग्राम पर रील्स बनाने में किया और काफी तादाद में इनके फालोवर्स भी शोशल मीडिया पर बढ़ने लगे जिसके बाद ये कब मर्यादा एवं पाबंदियों की सीमाएं लांघ गये उसकी इन्हें खुद भी भनक तक नहीं लगी।आज आपको ऐसा ही एक मामला दिखाते हैं जिसे लेकर लोगों ने शोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए हैं। आपको बता दें कि वायरल विडियो में दो स्कूली छात्राएं स्कूल की ड्रेस पहन कर किसी पहाड़ी गाने पर डांस करती नजर आ रही है।
ट्विटर पर एक यूजर मोहन एस बिष्ट लिखते हैं कि ” सरकार द्वारा दिये गए टेबलेट का कमाल निर्मला पढ़ाई के बजाय क्रीम पाउडर घिस रही है ”
सरकार द्वारा दिये गए टेबलेट का कमाल निर्मला पढ़ाई के बजाय क्रीम पाउडर घिस रही है 😡 pic.twitter.com/eKWK5IyLlf
— Mohit S Bisht💎 (@uttrakhandii) September 11, 2022
एक यूजर बालम सिंह नेगी लिखते हैं “इसकी सजा ,दिन भर मुर्गा बनाकर पीठ में पत्थर रखवा कर पूरे विद्यालय परिसर की परिक्रमा होनी चाहिए ।”
इसकी सजा ,दिन भर मुर्गा बनाकर पीठ में पत्थर रखवा कर पूरे विद्यालय परिसर की परिक्रमा होनी चाहिए । https://t.co/WwAzyvkSeS
— Balam Singh Negi 🇮🇳 (@Balamnegiuk01) September 11, 2022
इसी तरह बहुत से लोगों ने इस तरह स्कूल की ड्रेस में रील बनाने को लेकर आपत्तियां जताई है। और कहीं न कहीं इस तरह की अनुशासन हीनता से जहां शिक्षा विभाग की किरकिरी हो रही है वहीं सरकारी शिक्षा व्यवस्था से भी लोगों का भरोसा उठता हुआ नजर आ रहा है।इस तरह की गतिविधियों से छात्र छात्राएं पठन पाठन से अपना ध्यान इस क्षेत्र में लगाकर अपना तो नुकसान करते ही हैं साथ ही इस तरह की अनैतिक गतिविधियों से अन्य छात्र छात्राओं पर भी असर पड़ता है जिससे शिक्षा के स्तर में गिरावट आती है ऐसे में जरूरत है कि शिक्षा विभाग को ऐसे छात्र छात्राओं को स्कूल की ड्रेस में इस तरीके के अभिनय पर रोक लगानी चाहिए।ताकि इस तरह की गतिविधियां स्कूल ड्रेस एवं स्कूल समय के दौरान न हो इस विशेष नजर बनाए रखनी चाहिए।