मेहनत का फल मिलता है ये कहावत तो सुनी होगी आपने। कल नितेश रेड्डी को शतक लगाने के बाद जो आंसू सब की आंखों में थे वहीं आज हल्द्वानी वाले भी अपनी आंखों में रखे हुए है गजराज सिंह को महापौर प्रत्याशी बनाते हुए।
एक किसान के बेटे को महापौर पद तक आने का सफर कोई आसान नहीं होता मगर 1996 मैं छात्रसंघ के सचिव बनने के बाद भी किसी ने नहीं सोचा होगा कि वो एक दिन महापौर का चुनाव लड़ेगा।
बेहद सरल सहज स्वभाव के स्वामी गजराज सिंह बिष्ट हमेशा ही लोगों की मदद के लिए सामाजिक रूप से अपनी पहचान बनाए रखे है, यह अलग बात है को वो इसका प्रचार करने से हमेशा बचते नजर आए।
गांधी स्कूल से पढ़कर MB डिग्री कॉलेज से सचिव की लड़ाई बहुत प्रेरणास्रोत है।
उम्मीद है हल्द्वानी के कष्टों को देखने वाले गजराज कुछ बदलाव को धारा जरूर बहाएंगे