
विजिलेंस ने जांच के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिमसें तीन वरिष्ठ आईएफएस सहित कुछ अन्य वन अधिकारी व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन सहित कई गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए थे। जिसके बाद विजिलेंस ने इस मामले में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी।
सूत्रों की माने तो सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी गयी है और इन तीन अफसरों समेत कुछ वन विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज जल्द ही विजिलेंस कर सकती है। इन आईएफएस अधिकारियों में एक नाम पूर्व आईएफएस किशनचंद का भी है।
आपको बताते चले कि कार्बेट के पाखरो में करीब 105 हेक्टेयर में टाइगर सफारी बननी है। जिसमें पिछले साल लगभग सारा काम हो गया। लेकिन बाद में इसमें बिना अनुमति और वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन के खर्च का आरोप लगा। शासन ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक कृत्य मानते हुए इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी थी।
विजिलेंस ने जांच के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिमसें तीन वरिष्ठ आईएफएस सहित कुछ अन्य वन अधिकारी व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन सहित कई गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए थे। जिसके बाद विजिलेंस ने इस मामले में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी।


