हिमालय क्षेत्र में जड़ी बूटियों के अपार भंडार: आचार्य बालकृष्ण।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण की टीम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के संयुक्त रूप से गंगोत्री के , ” रक्तवर्ण ग्लेशियर” क्षेत्र में पर्वतारोहण एवं हिमालय की दुर्लभ जड़ी बूटियों की खोज एवं शोध करने निकल रहे हैं। आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम इस संयुक्त अभियान शामिल हैं।
सोमवार को उत्तरकाशी पहुंचे पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि योगपीठ
एवं नेहरू संस्थान के संयुक्त टीम 6000 मी0 के ऊंचे पर्वत शिखरों का आरोहण करने के साथ ही क्षेत्र में अन्वेषण का कार्य करेगी, जिसमें इस क्षेत्र में पाये जाने वाले औषधीय पौधों से सम्बन्धित जानकारियों को एकत्रि करेंगे।
उन्होंने बताया कि 14 सितम्बर 2022 विशेष अभियान दल को गंगोत्री से उत्तराखण्ड़ के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा पतंजलि योगपीठ से पूजनीय स्वामी रामदेव जी हरी झंडी दियेगें और
25 सितम्बर 2022 तक यह अभियान को पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में ऋषि-मुनियों की तपोभूमि है यहां भगवान शंकर की जटा से गंगा निकली है इस क्षेत्र में औषधि गुणों के भंडार हैं।
उन्होंने कहा कि अनाम तथा अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण तथा हिमालय के इस दुर्गम क्षेत्र में अन्वेषण का कार्य सम्पन्न किया जायेगा।
अभियान का मुख्य उद्देश्य हिमालय के दुर्गम क्षेत्र रक्तवर्ण ग्लेशियर में अवस्थित अनाम तथा अनारोहित यह संयुक्त अभियान अपने आप में एक अत्यन्त विशेष अभियान है। जिसमें हिमालय में स्थित दुगर्म तथा विषम भौगोलिक क्षेत्र में औषधीय पौधों तथा पर्वतारोहण का संयुक्त सर्वेक्षण करेंगे।
इस दौरान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित विष्ट ने बताया कि इस इलाके में
स्वतन्त्रता के पश्चात 1981 में अन्वेषण का कार्य संयुक्त भारत-फ्रांस अन्वेषण दल ने किया था।
अन्वेषण दल आधा इलाके का भ्रमण करने में ही कामयाबी मिल पाई। इसके पश्चात इस इलाके में आजतक कोई भी दल आरोहण व वनस्पति की खोज में नहीं गये है।
इस संयुक्त अभियान को संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल के अतिरिक्त संस्थान के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई तथा बिहारी सिंह राणा आईएमएफ प्रतिनिधि करेंगे।