आज प्रातः 6 बजकर 20 मिनट पर मेष लग्न में पूरे विधि – विधान मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी जगतगुरु रावल भीमा शंकर लिंग शिवाचार्य द्वारा मंदिर का कपाट खोला गया।
उत्तराखंड में स्थित एक द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दर्शन के लिए खुल गए हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट पूरी विधि-विधान के साथ खुले गए थे, इस दौरान मंदिर को करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था।मंदिर के कपाट खुलने पर करीब आठ हजार श्रद्धालु पहुंचे थे। हालांकि, मौसम बिगड़ने की आशंका के कारण सोमवार को श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी।
लेकिन, मंगलवार की सुबह मंदिर के कपाट खुले तो करीब आठ हजार श्रद्धालु मौजूद थे। इस समय मंदिर को फिर से 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। अब अगले छह महीनों तक श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। बर्फबारी और बारिश के पूर्वानुमान के कारण, राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ मंदिर में पंजीकरण की तारीख को 30 अप्रैल तक बढ़ाकर रविवार को बंद कर दिया है। अन्य जगहों पर जैसे ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग, यात्रियों को ठहरने की सलाह दी जा रही है।
सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखें। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 06:20 मिनट पर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर की तैयारी अंतिम रूप दे दी गई है। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह भी सोमवार को धाम पहुंच गई है।अजेंद्र अजय ने कहा कि अत्यधिक ठंड के बावजूद मंदिर के कपाट खुलने का साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। केदारनाथ धाम में रुक- रुक कर बर्फबारी व बारिश को देखते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं से यात्रा शुरू करने से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और प्रतिकूल मौसमी दशाओं के मद्देनजर केदारनाथ धाम में निवास की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करने की अपील भी की।