सुबह सुबह खेल प्रेमियों के लिये दुःखद खबर आ रही है जहाँ फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीफा द्वारा आल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की मान्यता को रद्द कर दिया है, फीफा का कहना है कि भारतीय फुटबॉल मे तीसरे पक्ष द्वारा हस्तक्षेप के कारण यह निर्णय लिया गया है। पिछली बार भारत पर 1950 मे फीफा ने बैन लगाया था तो भारत को 30 साल लग गये थे अपने ऊपर लगी रोक लगाने में जिससे भारतीय फुटबॉल को बहुत ज़्यादा नुकसान था और अब इस बैन के बाद उन लाखों युवाओ का सपना टूटना तय है जो इसमें अपना भविष्य तलाश रहे है।
फीफा के अनुसार इस बैन को हटाने पर टैब विचार किया जाएगा जब फीफा द्वारा निर्धारित कमिटी को लगेगा कि भारतीय फुटबॉल संघ के दैनिक कार्य स्वयं भारतीय फुटबॉल संग की चला रहा है।
इस बैन के चलते भारत मे 11 से 30 अक्टूबर 2022 के बीच होने वाले U-17 महिला विश्वकप 2022 की मेजबानी भी भारत से छीन ली गयी है जो भारतीय फुटबॉल के लिए तगड़ा झटका है और इससे उबरने में भारत को कई साल लग सकते है।
इस बैन के पीछे NCP लीडर प्रफुल्ल पटेल का बड़ा हाथ है हाल ही मे उनके विरुद्ध इस कमिटी के गठन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों मे किया गया था जिसके बाद प्रफुल्ल पटेल को किसी भी रूप मे फुटबॉल के बारे मे बोलने पर सख्त मनाही लगाई गई थी, ये मनाही ऐसे समय मे आयी थी जब प्रफुल्ल पटेल द्वारा फीफा को पत्र लिख AIFF बैन लगाने की शिफारिश की थी।