हल्द्वानी में बीजेपी नेता की गाड़ी में पकड़ी गई अवैध शराब, ललित बोले 10साल काम किया होता तो शराब नहीं बॉटनी पड़ती, बीजेपी में चुप्पी

हल्द्वानी। आज राजपुरा क्षेत्र में मतदान से एक दिन पहले भाजपा नेता की गाड़ी में शराब बरामद होने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा के ओबीसी जिलाध्यक्ष की गाड़ी से दो पेटी शराब पकड़ी गई। इस घटना की सूचना मिलने पर कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी ललित जोशी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस दो घंटे बाद पहुंची। कांग्रेस मेयर प्रत्याशी ललित जोशी ने कहा कि भाजपा सनातनी-सनातनी कहती है, और रात के अंधेरे में शराब बांटती है, क्या यह हमारा धर्म सिखाता है। गाड़ी पर हिन्दू लिखने से कुछ नहीं होता, क्या हम हिन्दू नहीं है? हमारा धर्म ये नहीं सिखाता है। गरीबों को नशे की ओर धकेला जा रहा है, जनता को नशा नहीं रोजगार चाहिए। 10 सालों में कुछ काम किया होता तो वोट मांगते, अब शराब की आड़ में वोटने मांगने जा रहे है।

 

 

कांग्रेस मेयर प्रत्याशी ललित जोशी ने कहा कि भाजपा चुनाव को प्रभावित करने के लिए शराब का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा जब जाति और धर्म की राजनीति से भाजपा को सफलता नहीं मिली, तो अब धनबल और शराब के जरिए मतदाताओं को बहकाने का प्रयास किया जा रहा है। जनता सब कुछ समझ चुकी है और वह विकास चाहती है, न कि शराब के बदले वोट देने को तैयार है। ललित जोशी ने कहा कि ओबीसी जिलाध्यक्ष की गाड़ी में खुलेआम शराब पकड़े जाने से यह साफ है कि भाजपा को अपनी हार का अहसास हो चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव को प्रभावित करने के लिए शराब का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल को शर्म नहीं आयी, शराब की आड़ में चुनाव जीतना चाहती है। उन्होंने कहा कि कही आईटीआई के गुंडे हावी है, आज शहर की हालत भाजपा की बिगाड़ कर रख दी है। उन्होंने कहा कि सूचना के दो घंटे बाद पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचता है, इससे साफ होता है कि सत्ताधारी दल के दबाव में काम चल रहा है।

 

 

उन्होंने कहा, अगर भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में युवाओं को रोजगार दिया होता, तो आज यह स्थिति नहीं होती। शराब बांटकर गरीब परिवारों में विवाद पैदा करने के साथ ही भाजपा चुनावी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रही है। ललित जोशी ने विश्वास जताते हुए कहा कि 23 जनवरी को जनता भाजपा की जाति-धर्म और शराब बांटने की राजनीति का करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव विकास और पारदर्शिता के लिए है, न कि धन और शराब के सहारे जीतने के लिए। यह घटना मतदान से ठीक पहले चुनावी माहौल में एक बड़ी हलचल पैदा कर गई है।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.