रियाद: वैसे तो सऊदी अरब अपने यहाँ पिछले दशक तक महिलाओं को गाड़ी नही चलाने देता था मगर पिछले 1 दशक में यह देश अपनी बड़ी परियोजनाओं को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहा है, जिस देश मे रेगिस्तान ही रेगिस्तान था वहाँ अब वर्ल्ड क्लास इंजिनीरिंग के कई उद्धरण देखने को मिल रहे है इसी क्रम मे सऊदी अरब ने ऐसे शहर का निर्माण करने जा रहा जो ना पहले कभी सोचा गया ना किसी ने इसकी कल्पना की।
कच्चे तेल के पैसे से अमीरी की बुलंदी पर खड़ा सऊदी अरब दुनिया का आठवां अजूबा बनाने जा रहा है। जी हां, सऊदी अरब ऐसी गगनचुंबी शहर बसाने जा रहा है, जिसे आज से पहले सिर्फ हॉलीवुड की साइंस फिक्शन मूवीज में ही देखा गया है। यह शहर सिर्फ 200 मीटर चौड़ा होगा, जबकि इसकी लंबाई 161 किलोमीटर होगी। इतना ही नहीं, इस शहर में बनी बिल्डिंग्स की ऊंचाई 500 मीटर होगी, जिसमें कांच लगी होंगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरा शहर नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होगा। मतलब, इस शहर में सप्लाई होने वाली बिजली सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोमॉस और हाइड्रो पावर से पैदा होगी।
सऊदी ने द लाइन दिया है नाम
इस शहर को ‘द लाइन’ नाम दिया गया है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना भविष्य का शहर बसाने की है। एक कार-मुक्त महानगर जो 100 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा पर चलेगा और अपने निवासियों को एक अधिक प्रदूषित दुनिया में स्वच्छ हवा प्रदान करेगा। इस शहर में बिजनेस के लिए दफ्तर, बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज, मनोरंजन के लिए पार्क भी वर्टिकल ही होंगे। इस शहर में रहने वाले लोगों को एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में सिर्फ 20 मिनट का ही समय लगेगा।
आकर्षक और हरा भर दिख रहा शहर
सऊदी अरब की प्रेस एजेंसी ने सोमवार को शहर के लिए नवीनतम डिजाइनों की एक क्लिप जारी की है। जिसमें इस शहर को एक आकर्षक, फ्यूचरिस्टिक और आश्चर्यजनक रूप से हरा-भरा दिखाया गया है। इसमें घरों की छतों पर बागीचे बने हुए हैं, जिसमें कहीं से भी देखने पर एक ही तरह का नजारा दिखेगा। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम जमीन का उपयोग करके डिजाइन से प्राकृतिक दुनिया को भी फायदा होगा। यह शहर के निवासियों को रेगिस्तानी परिदृश्य, रॉक फॉर्मेशन और समुद्र के करीब भी रखता है।
40 लाख करोड़ डॉलर का आएगा खर्च
बताया जा रहा है कि यह शहर सऊदी अरब की महत्वाकांक्षी ‘नियोम’ परियोजना का हिस्सा है। नियोम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में एक ‘टिकाऊ क्षेत्रीय विकास परियोजना है। नियोम में ‘एम’ का अर्थ क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ-साथ अरबी शब्द मुस्तकबिल (भविष्य) का पहला अक्षर भी है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि मेगासिटी को बनाने में कितना खर्च आएगा, इसे कब पूरा किया जाएगा और न ही कितनी महंगी संपत्ति होगी। फिर भी अंदाजा है कि इस प्रोजक्ट को पूरा होने में लगभग 40 लाख करोड़ डॉलर का खर्च आएगा।