श्रीकांत त्यागी को मेरठ के श्रद्धापुरी इलाके से गिरफ्तार कर कमिश्नर ऑफिस लाया गया, जहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने उसे मीडिया के सामने पेश किया। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि उसे पकड़ने के लिए 12 टीमें लगातार काम कर रही थीं। वो बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था, इसलिए उसे पकड़ने में इतना समय लगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी गाड़ी
गौतमबुद्धनगर पुलिस के कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि उसने हर गाड़ी के वीआईपी नंबर के लिए एक लाख 10 हज़ार रुपये खर्च किए थे। उसके पास जो विधायक का स्टीकर था वह उसे स्वामी प्रसाद मौर्या से मिला था। उसकी संपत्तियों की जांच जारी है। आरोपी ने कहा है कि उसने महिला के साथ जो भी किया, वह गलत किया है इस पर इसे पछतावा है।
लगातार ठिकाना बदलता रहा श्रीकांत त्यागी
आलोक सिंह ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 12 टीमें बनाई गई थीं। आरोपी यूपी से बाहर भी गया था। तलाश के लिए तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। आरोपी पुलिस से बड़ी चालाकी से बचता रहा। कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि श्रीकांत त्यागी लखनऊ से फ्लाइट से भागना चाहता था। उन्होंने बताया कि पहले वह दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ गया, फिर मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया। फिर वापस मेरठ के आसपास घूमता रहा। उसने दो बार अपने मोबाइल बदले और गाड़ियां बार-बार बदलीं। आज सुबह आरोपी को मेरठ के पास से उसके सहयोगियों के साथ अरेस्ट कर लिया गया। उसके साथ नकुल त्यागी, संजय और राहुल को भी पकड़ा गया। आरोपी के पास 5 गाड़िया हैं जो कि बरामद कर ली गई हैं।