प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमाचल प्रदेश की एक दिवसीय यात्रा को सभी पत्रकार कवर नहीं कर सकेंगे। सिर्फ वे ही कवर कर सकेंगे, जो चरित्र प्रमाणपत्र (character certificate ) देंगे। ऐसा आदेश स्थानीय यानी जिला प्रशासन (district administration) का है। राज्य में 24 सितंबर को होने वाली आखिरी रैली खराब मौसम के कारण रद्द होने के बाद अब सबकी नजर प्रधानमंत्री की आज की यात्रा पर टिकी हैं। पीएम मोदी बुधवार को एम्स के एक कैंपस का उद्घाटन करने के अलावा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में सभा को भी संबोधित करेंगे। वह कुल्लू दशहरा समारोह में भी शामिल होंगे।
जिला प्रशासन के इस आदेश ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस आदेश में न केवल निजी स्वामित्व वाले (privately-owned) प्रिंट, डिजिटल और खबरिया चैनल के पत्रकारों, बल्कि ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन सहित सभी मीडिया प्रतिनिधियों को “चरित्र सत्यापन” (character verification) के लिए सर्टिफिकेट लाने को कहा गया है। इस सिलसिले में पुलिस द्वारा 29 सितंबर, 2022 को अधिसूचना (notification) भी जारी की गई थी।
इसमें जिला जनसंपर्क अधिकारी (DPRO) को सभी प्रेस रिपोर्टरों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों और दूरदर्शन एवं आकाशवाणी (AIR) की टीमों की सूची के साथ-साथ “उनके चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र” (a certificate of their character verification) भी देने को कहा गया है।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ये सर्टिफिकेट बिलासपुर में सीआईडी के पुलिस उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Police, CID) के ऑफिस से 1 अक्टूबर, 2022 तक हर हाल में मिल जाना चाहिए। इसके बाद ही रैली या बैठक में उनके शामिल होने पर फैसला किया जाएगा।
पुलिस नोटिफिकेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता पंकज पंडित ने कहा कि पत्रकारिता में अपने 22 साल के करियर में वह पहली बार इस तरह की विचित्र मांग देख रहे हैं।
पंडित ने कहा, “मोदी जी पहली बार राज्य का दौरा नहीं कर रहे हैं। चरित्र प्रमाणपत्र पेश करने की मांग अपमानजनक है और मीडिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास है।”
हिमाचल कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान ने भी प्रशासन की मांग की निंदा करते हुए कहा कि यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
इस बारे में बिलासपुर के DPRO कुलदीप गुलेरिया ने सुरक्षा पास जारी करने के लिए आधिकारिक पहचान पत्र स्वीकार करने से (official identity cards to issue security passes) इनकार करते हुए कहा कि चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य (character certificate was mandatory) है। उन्होंने पत्रकारों के डिजिटल आईडी कार्ड पर सरकारी मुहर लगाने की भी मांग की। उन्होंने कहा, “यह औपचारिकता सभी के लिए अनिवार्य है। एसपी और सीआईडी विभाग वेरिफिकेशन के लिए चरित्र प्रमाणपत्र (character certificate) मांग रहे हैं।”
विडंबना यह है कि जहां पत्रकारों को चरित्र सत्यापन के सर्टिफिकेट देने के लिए कहा जा रहा था, वहीं रैली में शामिल होने के लिए लाए जाने वाले हजारों लोगों को किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।