उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है जहां उच्च न्यायालय को नैनीताल शहर से शिफ्ट करने की सरकार की योजना पर क्षेत्रीय सशक्त समिति द्वारा स्वीकृति नहीं प्रदान करी है जिसके बाद उच्च न्यायालय को गौलापार लाने की सरकारी योजना को झटका लगा है, सरकार द्वारा उच्च न्यायालय को नैनीताल शहर से बाहर भेजने की योजना नैनीताल शहर में भारी पर्यटन गतिविधि होना बताया गया था जिसके बाद सरकार द्वारा उच्च न्यायालय को गौलापार में स्थापित करने की तैयारी सरकार द्वारा कर ली गई थी, विगत महीने से गौलापार क्षेत्र को मास्टरप्लैन की तहत विकसित करने के कारण जमीनों की खरीद पर भी फिलहाल रोक लगी हुई थी, अब आर ई सी द्वारा वन भूमि हस्तांतरित करने से मना करने के बाद सचिव उत्तराखंड शासन डॉ पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा जिलाधिकारी नैनीताल को राजस्व भूमि की स्तिथि स्पष्ट करने को कहा है।
राज्य सरकार में सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह को 20 फरवरी को लिखे पत्र में कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। पत्र में आर.ई.सी.की 82वीं बैठक का हवाला देते हुए कमिटी द्वारा गौलापार में वन भूमि पर एन.ओ.सी. देने को अस्वीकार करते हुए राजस्व भूमि में अच्छे ले आउट से ऊंचे भवन बनाकर न्यायालय स्थापित करने का निर्देश दिया है। पत्र में आर.ई.सी.की बैठक के प्रस्ताव का विवरण देकर शासन को अवगत कराने को कहा है।
उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस तात्कालिक एवं संवेदनशील प्रकरण पर तत्काल राजस्व भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करते हुये शासन को अवगत कराने का कष्ट करें। पत्र की एक कॉपी प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, प्रमुख सचिव न्याय, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय, आयुक्त कुमाऊं मंडल, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, चीफ टाउन प्लानर और अधिशासी अभियंता निर्माण खंड को भेजी गई है।