उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के भर्ती घोटाले में पकड़े गए उत्तरकाशी के मोरी जिला पंचायत अध्यक्ष हाकम सिंह रावत का पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से कनेक्शन कितना गहरा है ये भी अब जाँच का विषय बनता दिख रहा है।
वर्ष 2019 में भी हाकम सिंह का नाम पैसे लेकर फारेस्ट गॉर्ड की भर्ती का पेपर नही देने पर धोखाधड़ी की एफआईआर मे था मगर शिकायतकर्ता के होस्टाइल होने के कारण कोर्ट मे मुकदमा टिक नही पाया।
हालांकि इतने गंभीर आरोपो पर भी पुलिस क्यों हाकम को गिरफ्तार नही कर पाई ये आपको समझने के लिए हाकम की कुछ फेसबुक पोस्ट पढ़ने पड़ेंगे। सूत्रों ने हमारी टीम को बताया कि टैब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले मे हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया था। इस विषय पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से हमारी टीम ने बात करने की कोशिश की मगर बात नही हो पाई।
हाकम सिंह के ज़्यादातर पोस्ट में टीएसआर ही नज़र आते है और एक पोस्ट में तो हाकम उन्हें अपना बॉस भी बता रहा है। तो क्या टीएसआर सच मे हाकम के बॉस है और क्या हाकम ही वो कमजोर कड़ी थी जिसके कारण टीएसआर भी अब STF के राडार मे आ गये है।
हालांकि हाकम उत्तरकाशी के पूर्व जिलाधिकारी आशीष चौहन, dig अशोक कुमार, मुख्यमंत्री धामी के साथ भी नजर आया है मगर टीएसआर संग उनकी नजदीकी कुछ और ही बया करती है।
अब देखने वाली बात होगी कि टीएसआर हाकम के बारे मे कब मुह खोलते है जबकि उनके पूर्व मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट तो हाकम का साक्षात्कार सीधे बैंकॉक से करा चुके है।
जिस तरह से हाकम की गिरफ्तारी हुई है उससे आने वाले दिनों में कुछ और बड़ी गिरफ्तारी होना तय है।