वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खुले भगवान बद्री विशाल के कपाट, इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु रहे मौजूद। इस दौरान कुछ ऐसा घटित हो गया जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बद्रीनाथ धाम में आज सुबह से ही बारिश हो रही थी और पूरा आसमान बदलो से घिरा हुआ था, मगर ठीक कपाट खुलने के वक्त अचानक नीलकंठ पर्वत से बादल हट गए और ऐसा प्रतीत हुआ की नीलकंठ पर्वत से भगवान भोलेनाथ साक्षाक्त बद्रीविशाल के दर्शन करने को अपने आप को रोक नहीं पाए, कपाट खुलने के बाद स्वत ही नीलकंठ पर्वत को पुनः बादलों ने अपने आगोश में ले लिए।
आपको बताता चले की कुछ कथाओं के अनुसार नीलकंठ पर्वत हमेशा से यहां नही था और कई सदियों पहले केदारनाथ और बद्रीनाथ के बीच रास्ता था जो दोनो को जोड़ता था मगर कुछ पुजारियों द्वारा नियमों के उल्लंघन से नाराज़ होकर भगवान भोलेनाथ ने दीवार के रूप में नीलकंठ पर्वत को खड़ा कर दिया जिससे आसानी से बद्रीनाथ से केदारनाथ की यात्रा ना हो सके।
देश के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी पूर्ण रूप से सुचारू हो गई है। कपाट खोलने के शुभ मुहूर्त में देश एवं विदेश से आए श्रद्धालुओं ने लंबी कतारों में लगकर भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए।
इस दौरान आर्मी बैंड की धुन ने समा बाध दिया तो वही क्षेत्रीय महिलाओं द्वारा झोड़ा गाकर इस पावन अवसर को और अधिक भक्तिमय कर दिया।