WATCH थारा फूफा अभी जिंदा है: सरकार ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर वृद्धावस्था पेंशन रोकी तो बुजुर्ग बैंड बाजे के साथ बारात लेकर डीसी ऑफिस पहुंचा।

आमतौर पर लोग बढ़ती उम्र को परेशानी का सबब मानते हैं, लेकिन हरियाणा के रोहतक के दुलीचंद ऐसे नहीं हैं। 102 साल की उम्र में भी वे अपने हक के लिए लड़ना जानते हैं। इसी के चलते उन्होंने अपनी पेंशन के लिए ऐसा विरोध किया कि पूरे शहर में उनकी चर्चा हो गई।


दरअसल 102 वर्षीय दुलीचंद की पेंशन काट दी गई है। इससे आहत होकर वे बैंड बाजे के साथ अपने जीवित होने का प्रमाण देने पहुंचे। पगड़ी पहन, हाथ में फरसा लेकर रथ पर सवार दुलीचंद के आगे बैंड की धुन पर थिरकते लोग भी शामिल रहे। आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद के साथ दुलीचंद मानसरोवर पार्क से अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। यहां एडीसी महेंद्रपाल ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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