उत्तराखंड: क्या होने वाला है बदलाव? मुख्यमंत्री के बाद प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष दिल्ली तलब, जाने पूरा मामला

उत्तराखंड में सियासी हलचल बढ़ती जा रही है मुख्यमंत्री धामी के बाद प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भी आलाकमान द्वारा दिल्ली तलब किये गए है। इस घटनाक्रम के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल बढ़ गयी है।

सूत्रों की बात मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार, अंकिता भंडारी हत्याकांड सहित उत्तराखंड से जुड़े कई मुद्दों पर सीएम धामी पार्टी के आला नेताओं को अपडेट दे सकते हैं। मंगलवार को सीएम धामी का कोई विशेष कार्यक्रम नहीं था। इसी के बीच सीएम धामी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली की दौड़ लगाई।

भाजपा विधायकों के मंगलवार दोपहर को अचानक दिल्ली जाने से सत्ता के गलियारों में कई तरह की चर्चाएं भी तेज हो गईं हैं। धामी मंत्रिमंडल में कई बड़े चेहरों की छुट्टी करते हुए मंत्रियों के तीन खाली पदों को भरने की कोशिश होगी। हालांकि, सीएम धामी का कहना है कि उत्तराखंड से जुड़े विकास कार्यों के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को वह अपडेट देंगे, और इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मीटिंग का समय भी लिया।
इसी क्रम में उनकी केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी से मानसखंड कॉरिडोर और बदरीनाथ- केदारनाथ में चल रहे कार्यों को लेकर बैठक होनी है। उधर, सीएम के अचानक दौरे से देहरादून का सियासी माहौल में सरगर्मी बढ़ गई। चर्चा चल रही है कि दिल्ली में सीएम मंत्रीमंडल फेरबदल पर भी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर सकते हैं।

कैबिनेट मंत्री होंगे ड्रॉप?
सीएम पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में बदलाव होना तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो धामी सरकार कुछ कैबिनेट मंत्रियों को ड्रॉप करते हुए नए चेहरे को मौका दे सकती है। भाजपा हाईकमान ने सीएम धामी से कैबिनेट मंत्रियों की परफॉरमेंस की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।

विधानसभा बैकडोर भर्तियों में एक कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधानसभा स्पीकर का जमकर नाम उछला है, जिससे भाजपा की काफी किरकिरी भी हुई है। जबकि, एक कैबिनेट मंत्री का स्वास्थ्य कारणों की वजह कुछ खास परफॉरमेंस नहीं है। सूत्रों की मानें, तो धामी सरकार इसी मु्द्दों का आधार बनाते हुए कुछ एक्शन ले सकती है।
युवा और नए चेहरों को मिल सकता है मौका
धामी सरकार में अगर कैबिनेट मंत्री ड्रॉप होते हैं तो युवा और नए चेहरों को मौका जरूर मिलता दिखाई दे रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की हामी के बाद अगर कैबिनेट मंत्री ड्रॉप होते हैं तो धामी सरकार के सामने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के बीच संतुलन बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। साथ ही, धामी सरकार को ब्राहमण और ठाकुर के बीच भी संतुलन बनाना होगा। सूत्रों की बात मानें तो भाजपा हाईकमान मंत्रिमंडल विस्तार की योजना को अंतिम रूप देने की तैयारियों में जुटा है।

धामी 2.0 सरकार में पुराने कैबिनेट मंत्री हुए थे ड्रॉप
चंपावत उपचुनाव में भारी वोटों से जीत दर्ज करने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी फुल एक्शन में दिखाई दिए थे। मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए सीएम धामी ने पुराने और दिग्गज नेताओं के पर काटते हुए कई विभाग वापस ले लिए थे। जबकि, कुछ दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

ये हैं धामी मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्री
सतपाल महाराज- लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, जलागम प्रबंधन और सिंचाई एवं लघु सिंचाई।
प्रेमचंद अग्रवाल- वित्त, वाणिज्य कर, स्टाम्प एवं निबंधन, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनगर्ठन और जनगणना।
गणेश जोशी- कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण, उद्यान एवं फलोद्ययोग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी, सैनिक कल्याण और ग्राम्य विकास।
धन सिंह रावत- विद्यालयी शिक्षा (बेसिक और माध्यमिक), संस्कृत शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा।
सुबोध उनियाल- वन, भाषा, निर्वाचन और तकनीकी शिक्षा।
रेखा आर्या- महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता, मामले, खेल और युवा कल्याण।
चंदन रामदास- समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, परिवहन, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम और खादी एवं ग्रामोद्योग
सौरभ बहुगुणा- पशु पालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल और कौशन विकास एवं सेवायोजना
सीएम धामी के पास 23 विभाग
सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास गृह, कार्मिक, ऊर्जा, औद्योगिक विकास व खनन, आबकारी समेत 23 महत्वपूर्ण विभाग हैं। इसके अलावा, सीएम धामी के पास, विषयक कार्य, जनसेवा सतर्कता, सुराज, भ्रष्ट्राचार उन्मूलन एवं जनसेव, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, नियोजन, राज्य सम्पत्ति, सूचना गृह, कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड एवं अर्द्ध सैनिक कल्याण, राजस्व, औद्योगिक विकास एवं खनन, औद्योगिक विकास, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान प्रौद्योगिकी, पेयजल, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा, आयुष, आबकारी, न्याय, आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास, नागरिक उड्डयन और पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भी हैं।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.