उत्तराखंड: हाथियों के झुंड से पूर्व मुख्यमंत्री का सामना, देखिए कैसे पहाड़ी पर चढ़कर बचाई जान।(विडियो)

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले के बाद लगातार चर्चाओं में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने दिल्ली दौरै पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के उपरांत राज्य भ्रमण पर हैं इसी दौरान पौड़ी से कोटद्वार की तरफ आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के काफिले को हाथी ने कोटद्वार-दुगड्डा के बीच रोक दिया। हाथी के नजदीक आने पर पूर्व सीएम समेत सभी लोगों को अपना वाहन छोड़कर पहाड़ पर चढ़ना पड़ गया। उन्होंने चट्टान पर चढ़कर जान बचाई।


बुधवार सुबह पौड़ी के सतपुली से त्रिवेंद्र सिंह रावत का काफिला कोटद्वार के लिए निकला था। शाम लगभग सवा पांच बजे के करीब उनका काफिला कोटद्वार और दुगड्डा के बीच पूर्व सीएम के काफिले को सड़क पर हाथी के पहुंच जाने के कारण रोकना पड़ गया।हाथी लगातार उनके वाहनों की तरफ बढ़ रहा था इसलिए पूर्व सीएम व उनके साथ चल रहे लोगों ने समझदारी का परिचय देते हुए वाहनों से उतर कर पास की चट्टान पर चढ़कर जान बचाने का निर्णय लिया। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने हवाई फायर कर किसी प्रकार हाथी को सड़क से हटाया। घटना टूट गदेरे के पास की है

दर असल, पौड़ी से बाया कोटद्वार लौट रहे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत व उनके साथियों के सामने दुगड्डा से कोटद्वार के बीच ऐसा वाकया हुआ कि सब की जान सांसत में पड़ गई। तकरीबन आधा घंटे तक एक चट्टान पर चढ़े रहने के बाद जब सड़क से मुसीबत हटी तो पूर्व सीएम व उनके साथी चट्टान से नीचे उतर कर कर अपने अपने वाहनों से आगे बढ़ गए।इसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला करीब आधा घंटा रुका रहा।बाद में जब हाथी जंगल में लौट गया तो पूर्व सीएम रावत का काफिला कोटद्वार के लिए रवाना हो सका।

उपरोक्त घटनाक्रम से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में जंगली जानवर किस कदर मुसीबत का सबब बन रहें जब तमाम सुरक्षा इंतजामों, अंगरक्षकों के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री के वीआईपी काफिले को इस तरह जान पड़ी तो सोचिए दूर पहाड़ों में बसर करने वाले आम आदमी के लिए ऐसे घटना क्रम कितने भयानक साबित हो सकतें हैं।

Himfla
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