उत्तराखंड: डा. महेश रमोला को ‘रमोला रबर बैंड तकनीक’ में मिली बड़ी कामयाबी,महंगे रिट्रैक्टर सिस्टम के माइक्रो डिस्ट्रैक्टमी सर्जरी कर पाना होगा आसान ।

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चिरंजीव सेमवाल।




उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद चिन्यालीसौड़ के डा. वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. महेश रमोला ने ‘रमोला रबर बैंड तकनीक’ का नया मॉडल तैयार किया है।डॉ. रमोला ने देहरादून स्थित श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के की टीम ने मॉडल मिनिमल इनवेसिव न्यूरो सर्जरी के लिए विश्व का सबसे किफायती माइक्रो रिट्रैक्टर सिस्टम है। डॉ. महेश रमोला की इस खोज को प्रतिष्ठित मेडिकल जनरल वर्ल्ड न्यूरो सर्जरी जनरल में प्रकाशित किया गया है। उल्लेखनीय कि डॉ. रमोला बुते 12 वर्ष से इस तकनीक पर काम कर रहे हैं।तकनीक पर अंतरराष्ट्रीय मुहर लगने के बाद अब बिना महंगे रिट्रैक्टर सिस्टम के माइक्रो डिस्ट्रैक्टमी सर्जरी कर पाना आसान हो गया है। लंबर डिस्क सर्जरी दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे अधिक की जाने वाली स्पाइन सर्जरी में से एक है।


डिस्क स्लिप के कारण हुए कमर और पैरों के दर्द में इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से भी अधिक है। डॉ. रमोला के इस शोध पर देश- विदेश के न्यूरो सर्जन व स्पाइन के विशेषज्ञों की बधाई मिल रही हैं। डॉ. महेश रमोला के शोध की कामयाबी पर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चेयरमैन महंत देवेंद्र दास श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. महेश रमोला , डॉ. अमूल्य अग्रवाल, डॉ. रितु सिंह उनकी टीम को बधाई दी। वहीं न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. वाईआर यादव ने भी बधाई दी। तिगरी छत्र चैनल सोनी टीवी लोगों में खुशी का माहौल है पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद रमोला ने की उन्हें बधाई दी और कहा कि उत्तराखंड के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

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