उत्तराखंड: अब सड़क हादसों न करें नजर अंदाज, मददगार बन पायें सम्मान और ईनाम जानिए उत्तराखंड पुलिस की इस योजना के बारे में।

अकसर देखा जाता है कि सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति को आम लोग जल्दी से बिना पुलिस के हॉस्पिटल ले जाने के तैयार नहीं होते है।लोगों में एक तरह का डर बैठा हुआ है कि यदि वो सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति को हॉस्पिटल लेकर गए तो पुलिस उससे कई तरह के सवाल जवाब करेगी और लिखा पढ़ी में उनका समय जाया होगा। इन परिस्थितियों में कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने का कारण सड़क हादसे में घायल हुआ व्यक्ति वहीं पर दम तोड़ देता है या फिर हॉस्पिटल ले जाने में उसे इतनी देर हो जाती है कि डॉक्टर भी घायल की जान नहीं बचा पाते है। इस सब बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने नई योजना शुरू की है।

इस योजना के बार में जानकारी देते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सड़क हादसे में घायलों की मदद करने वालों को उत्तराखंड पुलिस अब नकद इनाम देकर सम्मानित करेगी। उन्हें इस नेक कार्य के लिए उत्तराखंड पुलिस की तरफ से एक प्रशंसा पत्र दिया जाएगा।उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस योजना का मुख्य मकसद सड़क हादसों में घटनास्थल पर पड़े गंभीर घायलों की अनदेखी करने के बजाए आम नागरिक प्रेरित कर नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करना है।यह योजना सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की जिंदगी समय रहते बचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना में इनाम और सम्मान देने से लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग इस नेक कार्य में सम्मिलित होंगे।भारत सरकार की गुड स्मार्टनेस स्कीम के अनुसार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि में कमी लाये जाने के उद्देश्य से गुड स्मार्टनेस स्कीम प्रारम्भ की गयी है. इसमें सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले अच्छे लोगों के तहत पुरस्कृत किया जाता है।इसी क्रम में प्रदेश में भी विभागीय गुड स्मार्टनेस पुरस्कार योजना प्रारम्भ की गयी है।

इस लोगों को किया जाएगा सम्मानित 1- सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना। 2- सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति/व्यक्तियों का राहत एवं बचाव कार्य कर समय से अस्पताल पहुंचाना। 3- सड़क दुर्घटना में घायल/ चोटिल व्यक्ति को एम्बुलेंस की उपलब्धता न होने की स्थिति में निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाना। 4-सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करना या रक्तदान का प्रचार-प्रसार कर सम्बन्धित ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता (क्वदवत) की व्यवस्था करना। 5- दुर्घटना में घायल व्यक्ति की आर्थिक रूप से सहायता करना आदि। 6- सड़क दुर्घटना की रोकथाम के प्रयास में प्रभावी सहायता/योगदान उपलब्ध कराना। 7- Good Samaritans के सम्बन्ध में विज्ञापन, सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया आदि में व्यापक प्रचार- प्रसार करना।

पुरस्कार की राशि: इन नेक कामों के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर डीजीपी की तरफ से प्रथम पुरस्कार 25 हजार रुपए का होगा। दूसरा पुरस्कार 10 हजार रुपए का होगा।तीसरा पुरस्कार 5 हजार रुपए का होगा।इसके अलावा यातायात निदेशायलक के स्तर पर यातायात निदेशक द्वारा प्रथम पुरस्कार 5,000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3,000 रूपये और तृतीय पुरस्कार 2,000 रूपये तक की धनराशि।वहीं, जनपद स्तर पर वरिष्ठ या पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रथम पुरस्कार 3,000, द्वितीय पुरस्कार 2,000 रूपये और तृतीय पुरस्कार-1,000 रूपये तक का होगा।

पुरस्कार पाने के लिए यहां करें आवेदन: Good Samaritans (मददगार व्यक्ति) द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के सहायता के सम्बन्ध मे किये गये कार्य के लिए पुरस्कार प्राप्ति के लिए आवेदन निर्धारित प्रारूप में सीधे पुलिस मुख्यालय, जनपद के यातायात कार्यालय/ क्षेत्राधिकारी यातायात कार्यालय/ पुलिस अधीक्षक यातायात कार्यालय/ वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक कार्यालय/ यातायात निदेशालय को व्हाट्सएप, ई-मेल, सोशल मीडिया, डाक अथवा स्वयं आकर दे सकते हैं।पीड़ित की सहायता से सम्बन्धित तथ्य पेपर कटिंग, सोशल मीडिया स्क्रीन शॉट, फोटो वीडियो आदि (यदि उपलब्ध हो तो) भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

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