इंतजार खत्म, चंद्रयान- III, जुलाई में भरेगा उड़ान, सफल हुए तो भारत बन जायेगा ऐसा करने वाला चौथा देश

वर्तमान में चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से एकीकृत है। हमने परीक्षण पूरा कर लिया है। 12-19 जुलाई के बीच लॉन्च होने की उम्मीद है। हम सभी परीक्षण पूरे होने के बाद बिल्कुल सही तारीख की घोषणा करेंगे: इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ

इसरो 13 जुलाई को लॉन्च करेगा चंद्रयान-3:चांद पर लैंडिंग कामयाब हुई तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश होगा।भारत का स्पेसशिप चांद पर उतरने को तैयार है। इसरो 13 जुलाई को दोपहर 2.30 बजे चंद्रयान-3 लॉन्च करेगा। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बुधवार को यह जानकारी दी। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं।चंद्रयान-2 मिशन को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था। करीब 2 महीने बाद 7 सितंबर 2019 को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने की कोशिश कर रहा विक्रम लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके बाद से ही भारत चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है।रूसी मिशन स्थगित, इसरो के पास पहले लैंडिंग का मौकाइधर, रूस ने अपना मून लैंडर मिशन स्थगित कर दिया है। ऐसा ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के एडिशनल चेक्स पूरे न होने की वजह से किया गया है। इससे पहले 2022 में भी रूसी मिशन तकनीकी दिक्कतों की वजह से टाला गया था। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 के पास रूस से पहले चंद्रमा पर उतरने का मौका है।इसरो चीफ बोले- हमने चंद्रयान-2 की गलतियों से सीखाइसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन में हम असफल हुए थे। जरूरी नहीं कि हर बार हम सफल ही हों, लेकिन बड़ी बात ये है कि हम इससे सीख लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि असफलता मिलने का मतलब ये नहीं कि हम कोशिश करना ही बंद कर दें। चंद्रयान- 3 मिशन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और हम इतिहास रचेंगे।अब पढ़िए चंद्रयान-3 क्या है …चंद्रयान मिशन के तहत इसरो चांद की स्टडी करना चाहता है। भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 की सक्सेसफुल लॉन्चिग की थी। इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में भारत को असफलता मिली। अब भारत चंद्रयान-3 लॉन्च करके इतिहास रचने की कोशिश में है। इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी।चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचाने के तीन हिस्से….इसरो ने स्पेस शिप को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए तीन हिस्से तैयार किए हैं, जिसे टेक्निकल भाषा में मॉड्यूल कहते हैं। चंद्रयान-3 मिशन में मॉड्यूल के 3 हिस्से हैं…चंद्रयान-2 में इन तीनों के अलावा एक हिस्सा और था, जिसे ऑर्बिटर कहा जाता है। उसे इस बार नहीं भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पहले से ही चंद्रमा के चक्कर काट रहा है। अब इसरो उसका इस्तेमाल चंद्रयान-3 में करेगा।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.