कहीं जान जोखिम में डालकर विद्यालय पहुंच रहे शिक्षक,तो कहीं मुख्यमंत्री कैमरामैनों के दलबल के साथ। देखिए विडियो –

आजादी का अमृत महोत्सव भी हमारे राज्य में धूमधाम से मनाया गया,हर घर तिरंगा अभियान में भी बढ़ चढ़ कर पहाड़ की भोली भाली जनता ने खूब उत्साह से भाग लिया।

लेकिन आजादी के75 वर्ष और राज्य गठन के22वर्ष बाद भी राज्य में अव्यवस्थाओं के जख्म आज भी गहरे हैं राजकीय इंटर कालेज नाई ताकुला अल्मोड़ा से एक विडियो के जरिए देखा जा सकता है कि कितनी मशक्कत करने के बाद एक शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर विद्यालय का सफर तय कर रहे हैं। और तो और हमारे राज्य में और केन्द्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में नारी के सम्मान महिला सशक्तिकरण जैसी बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन राजकीय इंटर कालेज नाई की शिक्षिकाओं की पीड़ा जिम्मेदारों तक नहीं पहुंच पाती है। उफनती नदियों गधेरों को पार करने के बाद एक अध्यापक जब भीगते हुए तरबतर विद्यालय पहुंचता होगा तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कि उत्तराखंड का भविष्य कितना उज्जवल हो सकता है। और जब बड़े बड़े मंचों से भाषण दिए जाते हैं तो एक शिक्षक को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की हिदायतें सरकार देती हैं।

जान जोखिम में डालकर उफनते नाले को पार करते रा.इं.का. नाई ताकुला के शिक्षक।

वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब आज देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना करने पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंचे तो लग रहा था कि मुख्यमंत्री किसी 70 हजार करोड़ के कर्ज वाले राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि बालीवुड की कोई बड़ी हस्ती होंगे, और वो आपदाग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना नहीं बल्कि शूटिंग करते हुए प्रतीत हो रहे थे। कैमरा भी एक नहीं बल्कि चार चार।

आपदाग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना करते मुख्यमंत्री।

Himfla
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