पुण्यतिथि विशेष: अटल बिहारी बाजपेयी,लोकतंत्र के ऐसे नेता जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकारता था।

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है।25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी का आज के ही दिन साल 2018 में निधन हुआ था। आज पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक ‘सदैव अटल’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। आइए विस्तार से जानते हैं आपको अटल बिहारी वाजपेयी को।


अटल बिहारी वाजपेयी।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने।वे हिंदी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे। बाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वाजपेयी एक ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता ग्वालियर रियासत में शिक्षक थे।शिन्दे की छावनी में 25 दिसंबर 1924 को वाजपेयी जन्मे थे। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के मूल निवासी थे।

शिक्षा – दीक्षा
अटल बिहारी वाजपेयी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज) में हुई। विद्यार्थी जीवन से वे आरएसएस के स्वयंसेवक बने तभी से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे, इसके बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।इसके बाद उन्होंने कानपुर से ही पिता के साथ LLB की पढ़ाई की। राजनीतिक जीवन।
अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे 1952 अपने पहले लोकसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से बतौर जनसंघ प्रत्याशी उन्होंने जीत हासिल की।1967 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना के बाद से बीस साल तक लगातार संसदीय दल के नेता रहे।मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेश में भारत के साथ ही हिंदी की छवि बनाई।
1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की। इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। वह दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए।

प्रमुख कविताएं एवं प्राप्त पुरस्कार।
मेरी इक्यावन कविताएं अटल बिहारी वाजपेयी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। रग-रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में वाजपेयी के वक्तव्यों का संग्रह), संसद में तीन दशक, अमर आग है आदि उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं।
वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण
1993 में कानपुर विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि मिली थी
1994 में वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार
1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से नवाजा गया
2015 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय जिया लाल बैरवा (देवली) से डी लिट की उपाधि मिली
-बांग्लादेश सरकार की तरफ से ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवॉर्ड’
भारत सरकार की ओर से देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया

मृत्यु
अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था. इसके बाद वो बोलने में काफी हद तक अक्षम हो गए थे। 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई।

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