एक पत्रकार को अपनी जान गंवानी पड़ी, कसूर सिर्फ इतना की उसके द्वारा 56 करोड़ से अधिक के हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल दी, ठेकेदार ने युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की कुल्हाड़ी से वार कर निर्मम हत्या कर डाली और उसकी लाश अपने यहां निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में फेक दी। इस दुस्साहिक घटना ने पूरे देश को झकझोरकर रख दिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल एक साक्षात्कार में बताया कि 7 अप्रैल 2021 को नक्सलियों से कोबरा जवान राजेश्वर सिंह को छुड़ाने में हम भूमिका निभाई थी।
ये ख़बर बनी मुकेश की मौत की वजह?
अपना यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ चलाने के साथ मुकेश विभिन्न मीडिया संस्थानों के लिए भी स्वतंत्र रूप से काम किया करते थे। बताया गया है कि इन दिनों वे ‘एनडीटीवी’ से जुड़े थे।
बीते 24 दिसंबर को एनडीटीवी पर बस्तर में हो रहे एक सड़क निर्माण में भारी गड़बड़ी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रायपुर स्थित एनडीटीवी के पत्रकार निलेश त्रिपाठी की लिखी उस रिपोर्ट से मुकेश भी जुड़े थे। यह सड़क बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके गंगालूर से नेलसनार तक बनाई जा रही थी।
अब इसी रिपोर्ट को उनकी मौत से जोड़ा जा रहा है।
ख़बरों के अनुसार, जिस सड़क निर्माण में गड़बड़ी की बात कही गई थी, उसका निर्माण ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने किया था। कहा जा रहा है कि इस खबर के बाद से वह मुकेश से नाराज चल रहे थे और सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर ने मुकेश को 1 जनवरी को फ़ोन कर अपने घर बातचीत के लिए बुलाया था, जिसके तुरंत बाद से मुकेश का फोन बंद आने लगा। इसके बाद मुकेश के पत्रकार भाई यूकेश चंद्राकर ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई। 3 जनवरी को मुकेश का शव बरामद हुआ।
मुझे आज भी वो दिन याद है जब नक्सलियों के कब्जे से हमारी कोबरा बटालियन के जवान श्री राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम मुख्यमंत्री निवास रायपुर में मुझसे भेंट करने आयी थी.
साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर उस मध्यस्थ टीम के प्रमुख सदस्य थे. उनके साहस के लिए मैंने उनकी पीठ थपथपाई थी.
मुकेश के साथ जो हुआ है, वह बेहद दुर्भाग्यजनक है. सिर्फ शब्दों से निंदा कर देने से क्षति और असुरक्षा का समाधान नहीं हो सकता.
ना ही इस विषय पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करना चाहूँगा.
सरकार से अनुरोध है कि त्वरित जाँच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और ऐसी नज़ीर पेश हो कि अपराधियों में संदेश जाए.
साथ ही मुकेश के परिवार का ध्यान रखने के लिए सरकार को आर्थिक सहायता, नौकरी पर भी निर्णय लेना चाहिए
साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर को हम सब छत्तीसगढ़वासियों की विनम्र श्रद्धांजलि.
ईश्वर उनके परिवार को हिम्मत दे. ॐ शांति:
भूपेश बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़)
वहीं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया द्वारा भी घटना की निंदा करते हुए त्वरित कार्यवाही की मांग की है।
सड़क निर्माण में 120 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार उजागर करने वाले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या कर दी गई है। वो एक जनवरी की शाम सात बजे से लापता थे। उनका शव एक सेप्टिक टैंक में मिला है। ठेकेदार और उनके रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर के बाडे़ में बने सेप्टिक टैंक से उनकी लाश निकाली गई है । कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने 120 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क के भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की थी। बताया जाता है कि यह काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने ही करवाया था । इस वजह से मुकेश चंद्राकर और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर में अनबन चल रही थी ।
3 आरोपी गिरफ्तार , एक फरार
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने 3 आरोपी दिनेश, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया है। इसमें 2 आरोपी मृतक के चचेरे भाई हैं। पुलिस ने एक अन्य रिश्तेदार सुरेश चंद्रवंशी को भी आरोपी बनाया है लेकिन वो फरार है ।
आरोपियों ने लाश को छिपाने के लिये पूरी तरह से सेप्टिक टैंक कांक्रीटीकरण कर दिया था। जब पत्रकारों की नजर इस पूरी तरह से ढके हुए सेप्टिक टैंक पर पड़ी तो उन्होंने इसे तुड़वाने की बात कही। इसे लेकर पत्रकार और पुलिस के बीच अनबन भी हो गई थी लेकिन बाद में इसी सेप्टिक टैंक को तोड़ा गया तो उसके अंदर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश देखी गई।