सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को यह जिम्मेदारी मिलना लगभग तय, औपचारिकता शेष।

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त्रिवेन्द्र सिंह रावत उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक हैं। 17 मार्च 2017 को वे उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री नियुक्त हुए थे तब कयासबाजी लगाई जा रही थी कि त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरे पांच साल मुख्यमंत्री बने रहेंगे लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाय उसका पूर्वानुमान लगाना असंभव है। इसी बीच एक और कयास बाजी तेजी से लगाई जा रही है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को शीर्ष नेतृत्व बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है यूके संगम न्यूज के विश्वसनीय सूत्रों द्वारा पता चला है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा होना अभी शेष है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ थे और जगदीप धनकड़ को एनडीए ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया है।जिनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम घोषित होने के पश्चात ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का औपचारिक एलान किया जा रहा है। जिसमें सूत्रों के हवाले से त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम बताया जा रहा है।


सन्1979में त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर प्रारम्भ हुआ और इसी वर्ष त्रिवेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े।रावत ने सन्1982 में संघ के प्रचारक के रूप में काम करने का उन्‍होंने संकल्प लिया। सन्1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने। 1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रहे।1997 में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने।2002 विधानसभा चुनाव में डोईवाला विधानसभा से विजयी हुए और पहली बार विधानसभा पहुंचे। 2007 में पुनः डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए और लगातार।भारतीय जनता पार्टी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। 2017 में रावत तीसरी बार डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप विधानसभा पहुंचे
17 मार्च 2017 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नियुक्त हुए।

Himfla
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