शर्मनाक: पापा की परियों ने डुबोया उत्तराखंड का नाम, नशे में गार्ड से मारपीट का वीडियो वायरल

उत्तराखंड वैसे तो देश के सभ्य, शांत और शिक्षित राज्यो मे से एक राज्य है मगर इसकी छवि धूमिल करने से पहले शायद कुछ रसूखदार बच्चे यह नही सोचते कि माता पिता की इज्जत भी कोई चीज होती है। नोएडा में विगत दिनों से एक वीडियो वायरल है जिसमे एक लड़की सोसाइटी के गॉर्ड से बत्तमीजी करती हुई दिख रही है, बताया जा रहा है दीक्षा तिवारी और अंजली तिवारी जो कि बहने है और नैनीताल शहर की रहने वाली है, बताया जा रहा है घटना के बाद दीक्षा तिवारी फरार है।

नोएडा के फेस-3 क्षेत्र के सेक्टर 121 स्थित अजनारा सोसाइटी में एक निजी सुरक्षा गार्ड से मारपीट करने की आरोपी तीन महिलाओं में दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मारपीट का से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के करीब एक बजे हुई घटना के वक्त दोनों के साथ मौजूद तीसरी महिला फरार है। सोसाइटी के निजी सुरक्षा गार्ड उज्ज्वल शुक्ला के साथ 30 साल से कम उम्र की इन तीनों महिलाओं का कथित तौर पर विवाद हो गया था।

वायरल वीडियो

पुलिस ने बताया कि इनकी पहचान दीक्षा और अंजलि तिवारी (दोनों बहनें) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से उत्तराखंड की निवासी हैं, लेकिन सोसाइटी में किराए पर रहती हैं। वहीं तीसरी महिला काकुल अहमद ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) के गौर सिटी-2 निवासी है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) साद मियां खान ने कहा कि गार्ड की शिकायत पर उनके खिलाफ एक गैर-संज्ञेय रिपोर्ट (एनसीआर) दर्ज की गई है।

पुलिस का आधिकारिक बयान


खान ने बताया, “दो आरोपियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 के तहत एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है। उन्हें एक स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत चालान जारी किए गए।”
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं में अंजलि और काकुल हैं जबकि दीक्षा फरार है। अधिकारियों के अनुसार, कथित तौर पर शराब के नशे में धुत महिलाएं कार में थीं जिस पर सोसाइटी का स्टिकर नहीं था, जिसके कारण ऑन-ड्यूटी गार्ड ने उन्हें पूछताछ के लिए रोक दिया। इस पर महिलाओं और सुरक्षा गार्ड के बीच जबरदस्त बहस हुई, इस बीच सुरक्षा गार्ड के सहयोगियों ने हस्तक्षेप करने और स्थिति को हल करने की कोशिश की।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.