सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी 8 माह बाद भी पेंशन के लिये भटकने को मजबूर

हल्द्वानी- रिटायरमेंट के 08 माह बाद भी पेंशन/ ग्रेच्युटी नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पाण्डे ने दो माह पूर्व सीएम हैल्पलाइन में शिकायत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला । सी०एम०हैल्पलाइन के बेअसर हो जाने से हतप्रभ होकर अब श्री पाण्डे ने मुख्यमंत्री समेत आला अधिकारियों को मेल से नोटिस भेजकर आगाह किया है कि 25 जून को 332606 क्रमांक पर दर्ज उनकी शिकायत का तत्काल निराकरण नहीं हुआ तो वे 02 अक्टूबर से बुद्ध पार्क हल्द्वानी में आमरण अनशन शुरू करेंगे । इधर निदेशक आडिट ने जिला लेखा परीक्षा अधिकारी अल्मोड़ा को शिकायत का तत्काल निराकरण करने के आदेश दिए हैं ।

आडिट आफिस अल्मोड़ा से 31दिसम्बर को सेवानिवृत्त
हल्द्वानी निवासी सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पाण्डे ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि मुख्य कोषाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा 31अगस्त को पांचवीं बार आपत्ति लगाकर उनके पेंशन प्रकरण को वापस किया गया है । श्री पाण्डे के अनुसार कोषागार द्वारा 24 मई को जब दूसरी बार आपत्ति लगाई तो इसके परिपालन में जिला लेखा परीक्षा अधिकारी अल्मोड़ा ने पेंशन का आगणन नियमितीकरण की तिथि 12 अक्टूबर 1990 से करने के साथ ही ग्रेच्युटी की राशि रु० 83971-00 की कटौती कर प्रकरण 24जून को कोषागार को भेज दिया था लेकिन इसके बावजूद कोषागार द्वारा निरंतर इस आपत्ति के साथ प्रकरण लौटाया जा रहा है कि 24मई की आपत्ति यथावत है ।
उन्होंने आरोप लगाया है कि कोषागार द्वारा अस्पष्ट रूप से जिस आपत्ति के साथ प्रकरण को उलझाया गया है, ऐसी आपत्ति उत्तराखंड के इतिहास में अब तक किसी भी कोषागार द्वारा किसी भी सेवानिवृत्त कार्मिक के पेंशन के मामले में नहीं लगाई गयी ।
श्री पाण्डे के अनुसार कोई भी इस सवाल पर गम्भीर नहीं है कि आठ माह से वगैर पेंशन के एक सेवानिवृत्त कार्मिक अपने परिवार का भरण पोषण आखिर कैसे कर रहा होगा ? यदि इस सवाल के प्रति कोई जरा भी संवेदनशील होता तो प्राथमिकता के आधार पर कम से कम अनन्तिम पेंशन तो स्वीकृत हो गयी होती ।
मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि 37साल 08माह के राजकीय सेवाकाल में उत्तराखंड राज्य प्राप्ति के आन्दोलन के दरम्यान 02अक्टूबर 1994को मुजफ्फरनगर काण्ड में मौत से रुबरु होते समय उन्होंने यह कल्पना भी नहीं की थी कि अपना उत्तराखंड राज्य बनने पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए भी ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ेगा ।
आडिट आफिस व कोषागार के बीच पेंशन प्रकरण को लेकर जारी कागजी घुड़दौड़ से खिन्न श्री पाण्डे ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से बेवजह लटकाए गये इस मामले में जवाबदेही तय कराते हुए तत्काल पेंशन/ग्रेच्युटी का भुगतान कराने की मांग की है ।
इधर जिला लेखा परीक्षा अधिकारी अल्मोड़ा राहुल कुमार झा ने मुख्य कोषाधिकारी को भेजे पत्र में अब तक लगाई गयी सभी आपत्तियों के परिपालन का ब्यौरा देते हुए आग्रह किया है कि उनके स्तर से प्रकरण के निस्तारण हेतु जो भी अपेक्षा हो उसका स्पष्ट उल्लेख किया जाय ।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.