फ़ॉलोअप काशीपुर गोलीकांड: यूपी पुलिस ने 30- 35 अज्ञात लोगो के विरुद्ध किया मुकदमा दर्ज। डबल इंजिन पुलिस आमने सामने

उत्तराखंड के थाना कुंडा अंतर्गत 12 अक्टूबर की शाम हुए गोलीकांड मे ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की दुःखद मृत्यु हो गयी थी जिनका अंतिम संस्कार कल गुरुवार को किया गया। करवाचौथ के दिन हुए इस संस्कार ने पूरे काशीपुर ही नही समूचे उत्तराखंड को अंदर तक हिला दिया। उत्तराखंड पुलिस द्वारा कल ही 10-12 लोगो के विरुद्ध हत्या समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था वही इस मामले मे यूपी पुलिस भी अपनी गलती नही मांन रही है।

मुरादाबाद / ऊधमसिंह नगर: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर क्षेत्र में हुई घटना पर गुरुवार देर रात को अपनी पुलिस टीम का पक्ष स्पष्ट किया। कुटियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खनन माफिया की गिरफ्तारी को लेकर काशीपुर क्षेत्र के लिए रवाना होने से पहले वहां की पुलिस को इस बारे में सूचित कर दिया गया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुटियाल ने बताया कि इस मामले में 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर समेत 30-35 अज्ञात के खिलाफ लूट और जान से मारने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जिन्होंने हमारे पुलिस (Police)कर्मियों पर हमला किया, बंधक बनाया, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी। कुटियाल ने दावा किया कि मुरादाबाद की पुलिस टीम ने काशीपुर इलाके के कुंडा थानाक्षेत्र के ग्राम भरतपुर में खनन माफिया जफर की गिरफ्तारी के लिए रवाना होने से पूर्व, वहां की पुलिस टीम को सूचना दे दी गई थी।

उन्होंने कहा कि माफिया को अपने घर में शरण देने वाले व्यक्ति उसी के लोग थे। अगर वे जफर के लोग नहीं होते तो उसको पकड़कर पुलिस टीम को सौंप देते। आरोपित जफर को बचाने के लिए हमारी टीम को बंधक बनाया गया और उनपर हमला किया गया। हमारी पुलिस टीम के असलहे लूट लिये गए। उन्होंने कहा कि जब असलहे ही लूट लिये गए तो पुलिस टीम गोली कैसे चला सकती थी। मुरादाबाद के पुलिस कर्मियों के हथियार कुंडा थाना पुलिस को उसी घर से बरामद हुए हैं।

आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम सादी वर्दी में थी, इस कारण भुल्लर परिवार और पुलिस के बीच विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि फायरिंग शुरू हो गई, जिससे ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख गुरताज सिंह की पत्नी गुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.