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रिपोर्ट:- नीरज तिवारी
स्थान:- कालाढूंगी।
एंकर:-कालाढूंगी की लाइफलाइन कही जाने वाली सिंचाई नेहरों का पानी पिछले 6 दिनों से बंद पड़े होने से क्षेत्र के कृषक ग्रामीण परेशान हैं।
इन सिंचाई नहरों के पानी से चलने वाली पन चक्कियों के बंद हो जाने से चक्की ठेकेदार भी अब परेशान हो चले हैं।
बताते चलें कि कालाढूंगी में 1856 की यह ऐतिहासिक सिंचाई नहर है जिसमे पहाड़ी श्रोत से लाया हुआ पानी हर समय चलता रहता है।
इस समय नहर के सायफन (कल्मठ) में रेता बजरी फस जाने की वजह से नहरों के पानी को बौर नदी में छोड़ा गया है।
सिंचाई विभाग के अन्तर्गत आने वाली नहरोँ के कलमठ की सफाई का कार्य किया जा रहा है मगर जल्द कार्य होना असंभव लग रहा है।
विभाग द्वारा बताया गया कि लगभग 90 मीटर सायफन (कलमठ) पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं, जिनकी सफाई का काम चल रहा है।
सिंचाई नहरो में पानी बंद हो जाने से खेतों में सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई है।
इधर काश्तकारों ने सिंचाई विभाग से जल्द ही सफाई कार्य पूरा कराने की मांग के साथ ही, सिंचाई की वेकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।
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