, पांच सितंबर को राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी सम्मानित
उत्तराखंड के दो वरिष्ठ शिक्षकों को इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया है। प्रधानाचार्य कौस्तुभचंद्र जोशी और प्रवक्ता प्रदीप नेगी को पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु दिल्ली में सम्मानित करेंगी। इस साल देश में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 46 शिक्षकों का चयन हुआ है।
जोशी और नेगी के चयन से शिक्षकों में खुशी की लहर है। उत्तराखंड से तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भेजा गया था। मालूम हो कि वर्ष 2018 से केंद्र सरकार ने पुरस्कार के मानक काफी कड़े कर दिए हैं। तब से चयन प्रक्रिया में शामिल होना भी बड़ी परीक्षा होता है। पहले जहां उत्तराखंड को हर साल छह से सात शिक्षकों को पुरस्कार मिल जाता था। अब एक-एक पुरस्कार के लिए काफी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। जोशी की ओपन केटेगरी में चुना गया है। जबकि नेगी स्पेशल कैटेगरी( दिव्यांग) के तहत पुरस्कार के लिए पात्र पाए गए। दोनो शिक्षक राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार से भी सम्मानित हैं। कोरोना महामारी की वजह से दो साल तक उत्तराखंड की झोली पुरस्कार से खाली रही थी।
कौस्तुभचंद्र जोशी नैनीताल में प्रतापपुर-चकालुआ स्थित एसडीएस राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य हैं। इससे पहले वो आईसीटी पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी काफी मददगार साबित हो सकती है।
अपने सेवाकाल में शिक्षा से जुड़ा इंटरनेट कंटेट की मदद से उन्होंने छात्रों के शिक्षण को सरल करने का प्रयास किया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रयोग कर छात्रों केा जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। शिक्षक प्रदीप नेगी हरिद्वार में कार्यरत हैं। वो बीएचईएल इंटर कालेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। शिक्षण में नवाचार के लिए जाना जाता है। महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने पुरस्कार के लिए चयनित दोनों शिक्षकों को बधाई दी। कहा कि पुरस्कार और सम्मान बेहतर काम करने वाले का तो प्रोत्साहन करते ही हैं। साथ ही बाकी लोगों को भी बेहतर से बेहतर करने को प्रेरित करते हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक-एआरटी सीमा जौनसारी ने भी विजेता शिक्षकों क शुभकामनाएं दी।