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कहते हैं ना कि पर्यावरण के प्रति हम अपने पूरे जीवन को भी खपा दें तो उसका कर्ज अदा नहीं कर सकते मानव जीवन को जितना पर्यावरण ने दिया है,उसका भुगतान नहीं हो सकता लेकिन छोटी-बड़ी कोशिशें करके भरपाई जरूर की जा सकती है। इसी क्रम में uk Sangam.in आज आपको ऐसे पर्यावरण संरक्षक के बारे में बताएगा जो न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।। बल्कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ अपने परिवार समेत 4-5 अन्य लोगों को रोजगार दे रहे हैं। जिनके कार्य से प्रभावित होकर उनको कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है,उत्तराखंड राज्य के सीमांत जिला पिथौरागढ़ के विकास खंड- डीडीहाट ग्राम-खेतोला के 78 वर्षीय हरगोविंद भट्ट 1990 से अपने गांव में ही अपनी जमीन पर 20 से अधिक प्रजातियों की पौध तैयार कर रहे हैं।
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हरगोविंद भट्ट 1990 से इस कार्य को कर रहे हैं उनके द्वारा अपनी जमीन में विभिन्न प्रकार की जड़ीबूटियां, फलदार वृक्ष, छायादार वृक्ष, चारापत्ती आदि किस्मों के पौध की बड़ी खेप तैयार की जाती है, हरगोविंद भट्ट इस कार्य के लिए अपने परिवार का भी सहयोग लेते हैं एवं साथ ही आसपास के4-5लोगो को भी इस कार्य में अपने साथ जोड़कर रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। इस कार्य को करने में उनको परिवार के सभी सदस्यों का अच्छा सहयोग प्राप्त होता है।
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हरगोविंद भट्ट “हरगोविंद किसान पौधालय” नाम से आपनी इस फर्म को चला रहे हैं हरगोविंद किसान पौधालय में लगभग 20 से अधिक प्रजातियों के उनके मौसमानुसार 20 से 22 हजार प्रति प्रजाति की दर से पौध तैयार की जाती है । एवं बाजार से किफायती दरों में जिले भर के किसानों को आवश्यकता अनुसार उपलब्ध कराई जाती है , वहीं जरूरत पड़ने पर उनके द्वारा राज्य के अन्य जिलों में भी पौध उपलब्ध कराई जाती है।
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हरगोविंद पौधालय में पांगर,रीठा,बांज,फल्यांट,खड़िक,भीमल,क्वैराल, तेजपत्ता, जामुन,काफल, आंवला,बांस,रिंगाल, उतीस, शहतूत,च्यूरा, अखरोट आम, अमरूद, नींबू,माल्टा, संतरा आदि प्रजातियों की पौध मौसमानूकूल उपलब्ध कराई जाती है।
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हरगोविंद भट्ट को प्राप्त सम्मान । चैबाटी के खेतोला गांव निवासी हरगोविंद भट्ट को उद्यान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए जिला प्रशासन ने 26 जनवरी2016 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र देकर के सम्मानित किया है। भट्ट ने अपनी जमीन पर जड़ी-बूटी केंद्र की स्थापना भी की है। गणतंत्र दिवस पर जिलाधिकारी एससी सेमवाल एवं, जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी के हाथों सम्मान पत्र पाकर हरगोविंद काफी खुश हैं। बताया कि उन्होंने 20 साल की उम्र से ही उद्यान के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान में अपनी जमीन पर पौधालय का निर्माण, फलों के पेड़, वन एवं जड़ी-बूटी की विभिन्न प्रजातियों को उगाकर उनकी बिक्री कर आजीविका चला रहे हैं। इसके अलावा अपने पौधालय से दूसरे जिलों और क्षेत्रों को पौधों की आपूर्ति भी कर रहे हैं। हरगोविंद भट्ट ने कहा कि जानकारी के अभाव में किसान उद्यान के लिए बनी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
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26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर हरगोविंद भट्ट के प्रयासों से प्रभावित होकर तत्कालीन उपजिलाधिकारी डीडीहाट कृष्ण नाथ गोस्वामी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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7 जुलाई 2020 को हरेला दिवस के अवसर पर तत्कालीन कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय हरगोविंद भट्ट के प्रयासों से काफी प्रभावित हुए कैबिनेट मंत्री द्वारा भट्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों को राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर बताया ।
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पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में हरगोविंद भट्ट एवं उनकी फर्म हरगोविंद पौधालय द्वारा किए जा रहे कार्य जहां पर्यावरण संरक्षण कर, पर्यावरण से अर्जित लाभ की भरपाई कर रहे हैं। वहीं ऐसे समय में जब केन्द्र और राज्य सरकार लगातार लोगों को स्वरोजगार हेतु प्रेरित कर रही है इस दिशा में हरगोविंद भट्ट के प्रयास जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ एक उदाहरण के रूप में हमारे सामने है। आपको बताते चलें कि 78 वर्षीय हरगोविंद भट्ट के 1990 से किए जा रहे इस कार्य को अब उनके मार्गदर्शन में उनकी तीसरी पीढ़ी भी हाथ बटां रही है एवं अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया हो रहा है । टीम uksangam.in हरगोविंद भट्ट के प्रयासों की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य एवं लम्बी उम्र की कामना करता है।
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अपील – अगर आपके गांव क्षेत्र आसपास में भी कोई व्यक्ति इस तरह के प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं तो बिना देर किए हुए हमारे व्हाट्सएप नंबर 7409439937 पर लिख भेजिए उनके बारे में।
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