हिमालय विशेष: 7 सितंबर से 14 सितंबर तक नौला फाउंडेशन मनायेगा हिमालय दिवस

कालाढूंगी। हिमालय प्रतिवर्ष 8 करोड़ 60 लाख घन मीटर जल अनुमानत: की आपूर्ति करता है । भारतीय उपमहाद्वीप की हिमालय के बग़ैर जीवन की कल्पना भी नही हो सकती । हर साल 9 सितम्बर के दिन हिमालय की महत्ता को याद किया जाता है जबकि हिमालय हमैं प्रतिदिन जीवन दे रहा है । इस बार समुदाय आधारित संस्था नौला फाउंडेशन 7 सितम्बर से 14 सितम्बर तक हिमालय दिवस को पद्मश्री कल्याण सिह रावत के नेतृत्व मैं सीमांत निवासियों व जनजातियों के बीच मना रहा है जो सर्वभूतेषु हिमालय का संदेश विश्व मैं फैला रहा है । आज बिगड़ते हिमालयी पर्यावरण की ख़बरें हमारे बीच आती रहती है पर हिमालयी पारिस्थितिकी के संरक्षण हेतु स्थानीय समुदायों की आवाज के साथ मिलकर एक बड़ी आवाज बनने की जरुरत है ये कहना है पर्यावरणविद व हिमालयी एक्टिविस्ट बिशन सिह बनेशी का हिमालय हेतु आर्थिक योजनाओ का बढ़ावा देने मात्र से हिमालय का भला नही हो सकता है । हिमालय को बचाने हेतु इसकी पारिस्थितिकी स्प्रिंग जैव विविधता को ज़्यादा महत्व देना पड़ेगा ।

हिमालयी सभ्यता पहाड़_पानी_परम्परा के प्रतीक जल मंदिर नौले धारों के संरक्षण संवर्धन को संकल्पित समुदाय आधारित संस्था नौला फाउंडेशन स्थानीय जन सहभागिता से जन जागरुकता शिक्षा, कैपेसिटी बिल्डिग, तकनीक व संवाद की मुहिम आत्मनिर्भर_हिमालय के ज़रिये आगे बढ चुका है । स्प्रिंग्स जैव-विविधता के क्षय से न सिर्फ हमारी जीवन, संस्कार व संस्कृति प्रभावित होगी, अपितु वन्य-जीवन भी प्रभावित होगा। अतः अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान के लिये हमें जैव-विविधता को फिर से पुनःस्थापित करना होगा। यही हिमालय दिवस की सार्थकता होगी ।

Himfla
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Neeraj Tiwari

Reporter, Photographer, Artist, Writer, Social Activist,