हल्द्वानी घटना और अंकिता हत्याकांड पहाड़ियों के लिए सबब: पहाड़ी आर्मी संगठन

  पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा हल्द्वानी बनभूलपुरा की घटना ने और अंकिता हत्याकांड ने  देवभूमि को कलंकित किया है इन दोनो घटनाओं ने पहाड़ियों को संचेत करते हुए आंखे खोल दी है जिस तरह से घटना का परिदृश्य दिख रहा है इससे प्रतीत हो रहा है प्लानिग के तहत घटना को अंजाम दिया गया है कौन लोग है ये जो कानून,संविधान को दरकिनार कर पत्थर बाजी कर रहे है और शांत देवभूमि में अशांति फैलाए हुए है कहा से आकर बसे है इन सबका  पूरे प्रदेश में सघन सत्यापन किया जाय।उत्तराखंड जैसा  ना भेष भूसा ,ना खान पान, ना लोकस्कृति आखिर किसके प्रभाव से ये लोग आ रहे है ।

तेजी से बदल रही है पहाड़ी राज्य की डेमोग्राफी
हरीश रावत ने कहा पूरे देश में उत्तराखंड ही एक ऐसा प्रदेश है जिसकी डेमोग्राफी अन्य राज्यो की अपेक्षा कई गुना तेजी से बदल रही है एक आरटीआई की जानकारी से पता लगा है कि उत्तराखंड में पिछले दस वर्षो में 30% वोटर बढ़ गए है जबकि ग्राम्य विकास एव पलायन निवारण आयोग ने 2018 से मार्च 2023 तक की स्थिति पर आधारित अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी उनके मुताबिक चार वर्षो में प्रदेश के 335841 लोगो ने अन्य प्रदेशों में पलायन किया जो पिछले 10 वर्षो की तुलना में 70% अधिक है
इस पलायन के पीछे के सबसे बड़ी वजह रोजगार है उत्तराखंड में लंबे समय से मांग हो रही है कि उत्तराखंड में शसक्त भू कानून लाया जाय और मूल निवास 1950 लागू किया जाए जिस आधार पर मूल निवासियों के लिए समूह ग , घ के पदो को 100 प्रतिशत रिजर्व किया जाय सरकारी योजनाओं, परियोजनो में मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाय रोजगार मिलेगा तो पलायन रुकेगा।

फौजी नही बन पा रहे है मूल निवासी
उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड में पिछले 23 वर्षो में 40 लाख से अधिक बाहरी लोग आ गए है सरकारों की देवभूमि के प्रति नीति और नीयत बेकार होने के कारण यह लोग उत्तराखंड के मूल निवासियों के रोजगार पर डाका डाल चुके है क्योंकि प्रदेश में मूल निवास प्रमाण पत्र की व्यवस्था खत्म कर स्थाई निवास की व्यवस्था लागू है किस कारण राज्य सरकार की नौकरी तो छोड़ो अब पहाड़ी मूल का युवा फ़ौज में तक भर्ती नही हो पा रहा है क्योंकि प्रदेश बनने से पहले तक मूल निवास प्रमाण पत्र की व्यवस्था थी जिस कारण कुमाऊं रेजिमेंट और गढवाल रेजिमेंट में विशुद्ध रूप से कुमाऊनी युवा और गढ़वाली युवा ही भर्ती होते थे पर अब कोई भी बाहरी युवा स्थाई निवास प्रमाण पत्र बना रहा है और उस आधार पर भर्ती होकर हमारे पहाड़ी युवाओं का कह डकार रहा है।
यह एक चितनीय विषय है इस विषय में सरकारें यदि उचित रास्ता नहीं निकालेगी तो आने वाले समय में प्रदेश की सारी चीजे असंतुलित हो जायेगी और इस तरह की असंख्य घटनाएं होने की आशंका है ।

Himfla
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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.