चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अब गगनयान की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि ISRO ने इसके लिए अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट्स) भी चुन लिए हैं। हालांकि, अब तक स्पेस एजेंसी ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन भारतीय वायुसेना के एक वीडियो से इस बात के संकेत मिल रहे हैं।
91वीं वर्षगांठ पर IAF की तरफ से माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया गया था। 11 मिनट लंबे इस वीडियो में वायुसेना की उपलब्धियां गिनाई गई थीं।
खास बात है कि इस वीडियो में दो जवानों की झलक भी दिखाई गई, जिनका चुनाव गगनयान के लिए किया गया है। वीडियो में तीनों जवान तैयारी करते नजर आ रहे है।
हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर एस्ट्रोनॉट्स की पहचान को जाहिर नहीं किया गया है। ISRO ने भी बताया है कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फेसिलिटी में तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। एस्ट्रोनॉट्स के लिए मॉड्यूल में शैक्षणिक पाठ्यक्रम, गगनयान उड़ान प्रणाली, परवलयिक उड़ानों के माध्यम से सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण परिचित, एयरो-मेडिकल प्रशिक्षण, वापसी और पुनर्वास प्रशिक्षण, उड़ान प्रक्रियाओं में महारत हासिल करना और चालक दल प्रशिक्षण सिमुलेटर पर प्रशिक्षण शामिल हैं।
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान (Gaganyaan):
गगनयान मिशन भारत का मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य है मानवों को अंतरिक्ष में भेजना।
इस मिशन के तहत, भारत की पहले मानव अंतरिक्ष यात्री को ब्यूलेट प्रूफ कैप्सूल में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जिससे भारत मानव अंतरिक्ष यातायात के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
इन मिशन्स के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष में नए संभावित अवसरों को खोला है और अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे न केवल विज्ञान में आगे बढ़ा जा रहा है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी नए दिशाओं में ले जाने का सामर्थ्य मिला है।