कुमाउनी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन में जुटे, डॉ हयात सिंह रावत हुए सम्मानित।

हिमाद्रि फिल्मस द्वारा पिछले दिनों देहरादून में देवभूमि लोकसम्मान 2022 का आयोजन किया गया आयोजन में उत्तराखंड के उत्थान के लिए किसी भी क्षेत्र में निःस्वार्थ भाव से अपना विशेष योगदान दिया हैं या दे रहें हैं, उन समर्पित लोगो को हम प्रणाम सम्मानित किया गया।

इसी कार्यक्रम के तहत कुमाउनी के संरक्षण में जुटे कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘पहरू’ के संपादक डॉ. हयात सिंह रावत को कुमाउनी भाषा के विकास में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए 06 अगस्त 2022 को देहरादून में ‘हिमाद्री फिल्मस’ द्वारा देवभूमि लोकसम्मान से नवाजा गया गया। हिमाद्रि फिल्मस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ रावत द्वारा कुमाउनी भाषा के विकास हेतु किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई।

डाॅ हयात सिंह रावत कुमाउनी मासिक पत्रिका पहरू के संपादक हैं , डॉ रावत का जन्म 11अक्टूबर1995 में झालडुंगरा (सालम) जिला -अल्मोड़ा में हुआ उनकी माता का नाम स्व. श्रीमती बचुली देवी एवं पिता का नाम स्व. श्री इन्द्रसिंह रावत है। डॉ रावत ने एम.ए. (हिंदी), पी.एच-डी., एम. एड्., एल-एल. बी. की शिक्षा ग्रहण की है।
1972 से कुमाउनी व हिंदी में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनेक कविताएं, कहानियां, लेख प्रकाशित तथा विभिन्न आकाशवाणी केन्द्रों से प्रसारित होते रहे हैं। 1978 से 1991 तक अल्मोड़ा से प्रकाशित साप्ताहिक पत्र ‘हिलाँस’, 199 में रामसिंह धौनी विद्यापीठ झालडुंगरा द्वारा प्रकाशित ‘रामसिंह धौनी स्मारिका,कुमाउनी पत्रिका’ धाद’, का संपादन किया है। वर्तमान में नवम्बर 2008 से कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘पहरू’ का संपादन कर रहे हैं।
रतनसिंह किरमोलिया व लक्ष्मणसिंह नेगी के संयुक्त संपादन में 1981 में प्रकाशित कुमाउनी काव्य संकलन ‘बुरूंश’ में कविताएँ ,डॉ. शेरसिंह बिष्ट द्वारा 1988 में संपादित ‘सूर्योदय से पहले’ हिन्दी काव्य संग्रह में कविताएँ,क्वीड़ (कुमाउनी निबंध संग्रह),बौधाँण (कुमाउनी कहानी संग्रह) ,कथाकार पानू खोलिया : व्यक्तित्व और कृतित्व (शोध प्रबंध) आदि कृतियों को भी डाॅ रावत द्वारा संग्रहित किया गया है।

क्या है कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘पहरू’ कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘पहरू’ नवंबर 2008 से लगातार कुमाउनी भाषा के विकास के समर्पित पत्रिका है जिसमें कविता, वंदना,कहानी, निबंध,छोटी कथायें, उपन्यासों के अंश,बाल साहित्य, अनुवाद, यात्रा वृत्तान्त,लेख, समाचार आदि विधाओं में रचनाओं को कुमाउनी भाषा में संपादित किया जाता है। यह पत्रिका केवल उत्तराखंड ही नहीं अपितु देश विदेशों में जहां भी कुमाउनी  समाज है वहां तक डाक के माध्यम से हर महीने पहुंचाई जाती है। यह पत्रिका कुमाउनी भाषा के प्रचार प्रसार में वर्तमान समय में कारगर साबित हो रही है कुमाउनी भाषा में लेखन कार्य कर रहे लेखकों को एक प्लेटफार्म देने के साथ साथ कुमाउनी भाषा के पाठकों को भी कुमाउनी भाषा की विभिन्न विधाओं में कुमाउनी भाषा को समझने का अवसर मिल रहा है।

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