विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेला आज पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हर साल की तरह इस बार भी हज़ारो की संख्या मे लोगो ने बग्वाल को देखा। मेले को देख हर कोई यही कहता सुनाई दिया ” यह मेला हमारी परंपरा को जीवित रखे है”।
सीएम पुष्कर सिंह धामी इस उत्सव में पहुँचे। बगवाल के लिए योद्धाओं के फर्रे तैयार हैं। बगवाल शुभ मुहूर्त के अनुसार दोपहर एक बजे बाज शुरू हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे। गहड़वाल खाम के योद्धा केसरिया, चम्याल खाम के योद्धा गुलाबी, वालिग खाम के सफेद और लमगड़िया खाम के योद्धा पीले रंग के साफे पहनकर बगवाल में शिरकत की।
डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी और एसपी देवेंद्र पींचा भी इस दौरान मौजूद रहे।
क्या है बगवाल
चार प्रमुख खाम चम्याल, वालिग, गहड़वाल और लमगड़िया खाम के लोग पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना कर एक दूसरे को बगवाल का निमंत्रण देते हैं। पूर्व में यहां नरबलि दिए जाने का रिवाज था लेकिन जब चम्याल खाम की एक वृद्धा के इकलौते पौत्र की बलि की बारी आई तो वंशनाश के डर से उसने मां वाराही की तपस्या की। देवी मां के प्रसन्न होने पर वृद्धा की सलाह पर चारों खामों के मुखियाओं ने आपस में युद्ध कर एक मानव बलि के बराबर रक्त बहाकर कर पूजा करने की बात स्वीकार ली। तभी से बगवाल शुरू हुई है।