बागेश्वर जिले में तैनात एडीएम चंद्रलाल इमलाल व एसडीएम रामकुमार पांडे को शासन के कार्मिक विभाग ने जिले से हटाकर कुमाऊ कमिश्नर दीपक रावत के दफ्तर से अटैच कर दिया है। उत्तराखंड के बागेश्वर में हुए उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के काफिले की जांच, गाड़ियां सीज एवम वीडियोग्राफी की गई थी एवम प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित नही किया गया था, जिसकी शिकायत शासन को मिली थी जिसके बाद इस कार्यवाही को अमल में लाया गया।
इन अफसरों की गलती यह थी की उपचुनाव के दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक राजेश कुमार(आईएएस) के आदेशों के अनुपालन में इन अधिकारियों ने अपने अधिनस्थो को सीएम के काफिले की जांच एवम वीडियोग्राफी करने के निर्देश दिए थे, साथ ही केंद्रीय पर्यवेक्षक द्वारा स्वयं बीजेपी रैली में चल रही 4 गाड़ियों को सीज कर दिया गया था। जिससे नाराज मुख्यमंत्री ने देर रात ही नाराजगी व्यक्त करी थी। अगले ही दिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त, राज्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र भेजकर केंद्रीय पर्यवेक्षक राजेश कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमे पर्यवेक्षक द्वारा कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य करने तथा बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने और अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने की बात की गई थी।
हालाकि राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षक को इस घटनाक्रम के लिए क्लीन चिट दे दी गई थी।इस घटनाक्रम के बाद यह तो तय था की उपचुनाव की समाप्ति के बाद सरकार बड़ा एक्शन लेगी, इन दो अधिकारियों के तबादले को मुख्यमंत्री की जवाबी कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तराखंड शासन ने कुमाऊं क्षेत्र के बागेश्वर जिले में तैनात दो पीसीएस अफसरों को हटा दिया है। दोनों को तत्काल प्रभाव से कुमाऊं कमिश्नर के दफ्तर से अटैच कर दिया है। बताया जा रहा कि दोनों अफसरों ने ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरती है। इसके अलावा वीवीआइपी कार्यक्रम के दौरान भी उनके खिलाफ शिकायत मिली थी।