पुस्तके हमारे चरित्र निर्माण में निभाती है एहम भूमिका, धारचूला में आयोजित हुआ अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेला

धारचूला(पिथौरागढ़)। किताबें हमारे चरित्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रेरणादायी कहानियों के माध्यम से हमारे और हमारे युवा पीढ़ियों में अच्छे विचार और नई सोच पैदा होती हैं। जीवन में एक अच्छे मित्र की तरह यह हमेशा हमें प्रेरणा और हिम्मत देती हैं। यह हमारे अन्दर की बुराइयों का नाश कर जीवन में अच्छे गुणों का निर्माण करते हैं। इसलिए पुस्तकों को मनुष्य का दोस्त भी कहा जाता है। यह बात जवाहर सिंह नबियाल स्टेडियम धारचूला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले तथा साहित्य उत्सव के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों ने कही।

अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले व साहित्य उत्सव का शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह पांगती, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल,ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, केंद्रीय अध्यक्ष रं कल्याण संस्था करण गर्ब्याल, मुख्य संरक्षक नृप सिंह नपलच्याल ने डॉ ललित मोहन पंत की पुस्तक अजपथों से शिखरों तक तथा आभा बोरा गर्खाल के उपन्यास परछाइयों का घेरा का विमोचन किया। उन्होंने जीवन में पुस्तक की भूमिका को अहम बताया। कहा कि सीमांत में ऐसे आयोजनों से भारत और नेपाल दोनों देशों के युवाओं को रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। इससे पूर्व नगर में रं कम्युनिटी स्कूल, आदर्श प्राथमिक विद्यालय कुटी, जीजीआईसी, विवेकानंद इंटर कॉलेज और स्थानीय रं समुदाय की महिलाओं, पुरुषों ने पारंपरिक परिधानों तथा वाद्य यंत्रों की धुनों पर रं संग्रालय से स्टेडियम तक झांकी निकाली। रं महिला साहित्यकार करुणा खुन्नू,सुश्री द्रोपदी गर्ब्याल,शांति नबियाल,सावित्री रायपा, आभा बोरा,के द्वारा विभिन्न रचनाओं की जानकारी दी। पर्वतारोही योगेश गर्ब्याल ने पदमश्री चन्द्रप्रभा ऐतवाल, मोहन सिंह गुंज्याल के द्वारा पर्वतारोहण के क्षेत्र में किए गए कार्यों से सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक गिरधर रौतेला,शंकर दत्त भट्ट ने किया। इस दौरान पद्मश्री चन्द्र प्रभा ऐतवाल,मोहन गुंज्याल,पूर्व अध्यक्ष अजय नबियाल,चन्द्र सिंह नपलच्याल,धीरेंद्र दताल,रवीं पतियाल,डॉ विक्रम रोंकली,डॉ जगमोहन गर्ब्याल कृष्णा गर्ब्याल,दीपक रोंकली,भवान गर्ब्याल,किशोर सिर्खाल, राम सिंह ह्यांकी,पर्वतारोही योगेश गर्ब्याल,अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के जिला समन्वयक सुरेंद्र धामी आदि मौजूद रहे।

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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.