राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी, एमएसएमई और किसानों को लाभ

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी दी; नीति के तहत लॉजिस्टिक्स सेवाओं में कुशलता लाने के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म, मानकीकरण, निगरानी के तंत्र और कौशल विकास की शुरुआत होगी

नीति के तहत तेज और समावेशी वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी आधारित, एकीकृत, किफायती, हर स्थिति में उपयोगी और सतत लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम सुनिश्चित होगा

इसका लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना, वैश्विक मानकों को हासिल करना, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भारत की रैंकिंग में सुधार लाना तथा वैश्विक व्यापार में बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त करने में सहायता करना है

वृहद लॉजिस्टिक्स कुशलता से एमएसएमई और किसानों को लाभ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिये विषयगत, विभिन्न सेक्टरों, विभिन्न क्षेत्राधिकार वाले तथा व्यापक नीतिगत प्रारूप को चाक-चौबंद बनाने के उपाय किये गये हैं। यह नीति पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पूरक है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का लक्ष्य समेकित अवसंरचना का विकास करना है, वहीं राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत लॉजिस्टक्स सेवाओं में कुशलता लाना, कौशल विकास, उच्च शिक्षा में लॉजिस्टिक्स को दुरुस्त करना तथा समुचित प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है।

इसकी परिकल्पना में तेज और समावेशी वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी आधारित क्षमता एकीकृत, सस्ते, हर स्थिति में उपयोगी, सतत तथा विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम का विकास करना शामिल है।

इस नीति के तहत लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इसमें उन लक्ष्यों को हासिल करने की विस्तृत कार्य योजना को शामिल किया है। लक्ष्य इस प्रकार हैं:

(i) वर्ष 2030 तक विश्व मानकों की तुलना मे भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत में कटौती करना,

(ii) वर्ष 2030 तक 25 शीर्ष देशों में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंग में सुधार लाना, और

(iii) प्रभावी लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम के लिये डाटा आधारित निर्णय समर्थन की संरचना करना।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को परामर्श प्रक्रिया के जरिये विकसित किया गया है। इस सम्बन्ध में विभिन्न मंत्रालयों/सरकारी विभागों, उद्योग से जुड़े हितधारकों और अकादमिक जगत के साथ परामर्श के कई दौर हुये तथा विश्व में प्रचलित उत्कृष्ट व्यवहारों पर गौर किया गया।

नीति की निगरानी करने और हितधारकों के बीच एकीकृत प्रयासों के लिये नीति मौजूदा संस्थागत प्रारूप का उपयोग करेगी, यानी पीएम गतिशक्ति एनएमपी के तहत गठित अधिकारप्राप्त सचिवों के समूह का उपयोग करेगी। प्रक्रियाओं से जुड़े मानदंडों की निगरानी तथा एनपीजी के टीओआर के दायरे में न आने वाले लॉजिस्टिक्स सेक्टर में डिजिटल सुधार के लिये अधिकारप्राप्त सचिवों का समूह “सेवा सुधार समूह” (एसआईजी) का गठन करेगा।

यह नीति देश में लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने का मार्ग प्रशस्त करती है। इसके तहत गोदामों के सम्बन्ध में उचित विकास का रास्ता खोलने पर ध्यान दिया जायेगा, जिसमें अधिकतम स्थान की योजना, मानकों को प्रोत्साहन, लॉजिस्टिक्स मूल्य श्रृंखला का डिजिटलीकरण व स्वचालन तथा बेहतर ट्रैकिंग और ट्रेसिंग प्रणाली शामिल है।

विभिन्न हितधारकों और त्वरित समस्या निदान, एक्सिम प्रक्रियाओं को दुरुस्त करना, रोजगार देने योग्य कुशल श्रमशक्ति का समूह (पूल) तैयार करने सहित निर्बाध सहयोग के लिये नीति में प्रावधान किया गया है।

इस नीति में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि विभिन्न पहलों के जमीनी स्तर पर तुरंत क्रियान्वयन के लिये कार्य-एजेंडा तैयार किया जायेगा। दरअसल, इस नीति के लाभों के लिये यह सुनिश्चित किया गया है कि इसकी ज्यादा से ज्यादा पहुंच हो, एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) सहित नीतिगत महत्वपूर्ण पहल की जायें, लॉजिस्टिक्स सेवा प्लेटफॉर्म सुगम हो, गोदामों पर ई-पुस्तिका तैयार की जाये, पीएम गतिशक्ति पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, ई-गॉट प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक्स को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ शुरू किया गया। इस तरह, जमीनी स्तर पर इसकी तैयारी के संकेत मिलते हैं।

इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूरी तरह अवगत करा दिया गया है। चौदह राज्यों ने अपनी-अपनी राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियां बना ली हैं, जो राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के अनुरूप हैं। वहीं, 13 राज्यों में इसका मसौदा तैयार हो रहा है। केंद्र और राज्य स्तर पर पीएम गतिशक्ति के तहत संस्थागत प्रारूप पूरी तरह चलने लगा है, जो नीति के क्रियान्वयन की भी निगरानी करेगा। इससे सभी हितधारकों द्वारा नीति को जल्द और कुशलतापूर्वक अपनाना सुनिश्चित हो जायेगा।

यह नीति सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा, कृषि और सम्बन्धित सेक्टरों, द्रुतगामी उपभोक्ता माल और इलेक्ट्रॉनिक्स को समर्थन देती है। इसके बारे में पूर्वानुमान लगाना बहुत आसान होगा, इसकी पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, आपूर्ति श्रृंखला में बर्बादी तथा बड़ी मात्रा में स्टॉक की जरूरत में कमी आयेगी।

वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ बड़े स्तर पर एकीकरण तथा वैश्विक व्यापार में अधिक साझेदारी के अलावा इस नीति से देश में आर्थिक विकास में तेजी आयेगी। यह इस नीति का एक और परिणाम होगा।

आशा की जाती है कि लॉजिस्टिक्स की कम लागत से वैश्विक मानक प्राप्त होंगे तथा लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में देश की रैंकिंग में सुधार आयेगा तथा इसकी वैश्विक स्थिति दुरुस्त होगी। नीति में भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बदलने, लॉजिस्टिक्स कुशलता को सुधारने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने तथा वैश्विक प्रदर्शन को सुधारने की स्पष्ट दिशा नजर आती है।

Himfla
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Pahadi Bhula

Author has been into the media industry since 2012 and has been a supporter of free speech, in the world of digitization its really hard to find out fake news among the truth and we aim to bring the truth to the world.